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जनरल टिकट पर ट्रेन बदल-बदलकर पूरा कर सकते हैं सफर? क्या है इस पर कोई लिमिट

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भारतीय रेलवे एक ही ट्रेन में अलग-अलग श्रेणी के कोच लगाता है ताकि लोग अपनी आर्थिक सुविधा के अनुसार अपना सफर पूरा कर सकें. किसी पैसेंजर ट्रेन में एसी, स्लीपर और जनरल 3 तरह के कोच होते हैं. इनमें से जनरल कोच को अनारक्षित श्रेणी भी कहा जाता है. इसकी टिकट सबसे सस्ती होती है और इसमें बैठने के लिए कोई आरक्षित सीट नहीं होती है. अक्सर लोग छोटी दूरी का सफर थोड़ा जल्दी तय करने के लिए किसी एक्सप्रेस ट्रेन की जनरल टिकट ले लेते हैं. हालांकि, भारत के बड़ी जनसंख्या वाले देश में अधिकांश लोग जनरल डिब्बे में भी लंबी दूरी के लिए बैठते हैं.

ऐसे में कई लोगों के मन में एक सवाल आता है कि क्या अगर कोई चाहे कि वह एक ट्रेन के जनरल डिब्बे से उतरकर दूसरे डिब्बे के जनरल डिब्बे में चला जाए तो क्या वह ऐसा कर सकता है. ऐसा कई लोग करते हैं. वह किसी एक ट्रेन से एक निश्चित स्टेशन तक जाते हैं फिर वहां उतरकर पीछे से आ रही है दूसरी ट्रेन पर चढ़कर आगे जाते हैं. ऐसा कई कारणों से किया जाता है. मसलन ट्रेन में भीड़ बहुत हो जाना या फिर दूसरी ट्रेन में उनके किसी साथी का पीछे से आना जिनके साथ वह आगे की जर्नी करना चाह रहे हों. लेकिन क्या यह मान्य है.
भारतीय रेलवे एक ही ट्रेन में अलग-अलग श्रेणी के कोच लगाता है ताकि लोग अपनी आर्थिक सुविधा के अनुसार अपना सफर पूरा कर सकें. किसी पैसेंजर ट्रेन में एसी, स्लीपर और जनरल 3 तरह के कोच होते हैं. इनमें से जनरल कोच को अनारक्षित श्रेणी भी कहा जाता है. इसकी टिकट सबसे सस्ती होती है और इसमें बैठने के लिए कोई आरक्षित सीट नहीं होती है. अक्सर लोग छोटी दूरी का सफर थोड़ा जल्दी तय करने के लिए किसी एक्सप्रेस ट्रेन की जनरल टिकट ले लेते हैं. हालांकि, भारत के बड़ी जनसंख्या वाले देश में अधिकांश लोग जनरल डिब्बे में भी लंबी दूरी के लिए बैठते हैं.

ऐसे में कई लोगों के मन में एक सवाल आता है कि क्या अगर कोई चाहे कि वह एक ट्रेन के जनरल डिब्बे से उतरकर दूसरे डिब्बे के जनरल डिब्बे में चला जाए तो क्या वह ऐसा कर सकता है. ऐसा कई लोग करते हैं. वह किसी एक ट्रेन से एक निश्चित स्टेशन तक जाते हैं फिर वहां उतरकर पीछे से आ रही है दूसरी ट्रेन पर चढ़कर आगे जाते हैं. ऐसा कई कारणों से किया जाता है. मसलन ट्रेन में भीड़ बहुत हो जाना या फिर दूसरी ट्रेन में उनके किसी साथी का पीछे से आना जिनके साथ वह आगे की जर्नी करना चाह रहे हों. लेकिन क्या यह मान्य है.
टिकट होने पर भी लग सकता है जुर्माना
आपकी जानकारी के लिए एक और बात आपको बता दें कि जनरल टिकट होने के बावजूद आप पर स्टेशन पर ही जुर्माना लगाया जा सकता है. इसका कारण है उस टिकट की वैलिडिटी. दरअसल, जनरल टिकट की भी एक समयसीमा होती है उसके बाद वह अमान्य हो जाती है. अगर आप किसी मेट्रो सिटी, जैसे कि दिल्ली-मुंबई के स्टेशन पर जनरल टिकट खरीद रहे हैं तो उसकी वैलिडिटी केवल 1 घंटे की होती है. इसका मतलब है कि आपको 1 घंटे के अंदर कोई भी ट्रेन पकड़कर वहां से निकल जाना है. वहीं अगर आप किसी छोटे शहर के स्टेशन पर हैं तो आपको जनरल टिकट पर स्टेशन छोड़ने के लिए 3 घंटे का समय मिलता है.