देश के दिल कश्मीर में केसर की खेती की जाती है. भारत केसर की खेती के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है. भारत में कश्मीर ही है, जहां केसर की खेती सर्वाधिक होती है. भारत के कल्चर में केसर की अहम भूमिका है. पूजा से लेकर दवाओं, खाने-पीने की चीजों में केसर का इस्तेमाल किया जाता है. केसर की कीमत दो लाख रुपये प्रति किलो है. यहां ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर क्यों केसर इतना महंगा है? जम्मू-कश्मीर इस मामले में इतना आगे क्यों है और वहां इतनी तेजी से केसर का प्रोडक्शन कैसे बढ़ा? आइये हम आपको इस बारे में बताते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार ने कश्मीर के कृषि निदेशक चौधरी मोहम्मद इकबाल से इस बारे में बातचीत की. उन्होंने बताया कि नेशनल सेफरन मिशन की मदद से कश्मीर में प्रति हेक्टेयर केसर की खेती काफी ज्यादा बढ़ गई. साल 2020-21 में कश्मीर के केसर को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग मिला था. इसके बाद से कश्मीर के केसर की कीमतों ने नई उड़ान पकड़ी. इस वक्त केसर की कीमत लाखों में पहुंच चुकी है
उन्होंने कहा कि केसर का फूल बेहद खूबसूरत है, जिसके चलते बीते साल अक्टूबर में केसर के खेत सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने थे. अक्टूबर-नवंबर के महीने में केसर के फूल को तोड़ा जाता है. इसके बाद इसे प्रोसेसिंग के माध्यम से इस्तेमाल के लायक बनाया जाता है. सरकार की तरफ से नेशनल स्टैंडर्ड लैब बनाई गई, जहां जाकर केसर की खेती करने वाले किसान अपने उत्पाद की जांच करा सकते हैं. उन्हें केसर बेचने में भी मदद की जाती है. चौधरी मोहम्मद इकबाल ने बताया कि अभी 60 ऐसे देश हैं, जहां कश्मीरी केसर को बेचने की तैयारी की जा रही है.