चीन की जुआ व गेमिंग ऐप्स फर्जी तरीके से भारत में प्रवेश कर रहे हैं. सरकार इन ऐप्स पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है. इसके बावजूद ये ऐप्स फेक नामों के साथ भारत में कारोबार कर रहे हैं. सरकार अब इन ऐप्स पर दोबारा नकेल कसने की तैयारी में है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. CCPA इस संबंध में टेलीकॉॉम, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि चीनी ऐप्स बदले हुए नाम या फिर बदली हुई भाषा के साथ भारत में फिर सक्रिय हो गए हैं.
सीसीपीए एक सरकारी संस्था है भारत में ग्राहकों के हितों की रक्षा करती है. सरकार ने मेटा और X से भी संपर्क किया है. उनसे पूछा गया है कि सरकार जिन ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है उन्हें उनके प्लेटफॉर्म पर कैसे जगह मिली. सरकार ने उन्हें निर्देश दिया है कि वह इन ऐप्स के विज्ञापनों को हटाने के लिए वे एआई आधारित टेक्नोलॉजी का सहारा लें.
एमआईबी का निर्देश
सीसीपीए की यह कार्रवाई सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के उस निर्देश के कुछ दिन बाद आया है जिसमें मीडिया को निर्देश दिया गया था कि वे एशिया कप टूर्नामेंट से पहले गैंबलिंग और सट्टे वाले ऐप्स का प्रचार ना करें. एमआईबी ने पिछले हफ्ते ही टीवी, प्रिंट व ऑनलाइन मीडिया के लिए यह दिशा-निर्देश जारी किया था. साथ ही उन्हें चेतावनी दी गई थी अगर वे इन निर्देशों को पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
खेल टूर्नामेंट के दौरान बढ़ती है गतिविधि
मंत्रालय ने कहा है कि गैंबलिंग और सट्टेबाजी के विज्ञापनों में कालाधन लगा होता है क्योंकि बड़े खेल आयोजनों के आसपास ब्लैक मनी संबंधी गतिविधियों में तेज उछाल देखने को मिलता है. एशिया कप में बड़े स्तर पर सट्टेबाजी का अनुमान है. केवल एशिया कप ही नहीं इसके बाद टेनिस के ग्रैंड स्लैम और गोल्फ मेजर्स में भी पैसा लगाया जाता है. फुटबॉल, प्रो कबड्डी और हॉकी पर भी सट्टा लगाया जाता है.