सितंबर में जब दुनियाभर के शक्तिशाली राष्ट्रों के शीर्ष नेता भारत आ रहे हैं, ऐसे में भारत के ही सबसे करीबी मित्र देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) आखिर यहां क्यों नहीं आ रहे हैं? यह सवाल हर कोई कर रहा है. रूसी (Russia) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत की मेजबानी में होने वाले आगामी जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भाग नहीं लेने के अपने फैसले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अवगत कराया है.
दरअसल, 9 से 10 सितंबर तक राजधानी दिल्ली में आयोजित होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यूरोपीय संघ के साथ दुनिया के सबसे समृद्ध देशों के नेता महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं.
इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, तुर्की के रेसेप तैयप एर्दोगन, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक समेत 25 देशों के शक्तिशाली नेता शामिल हैं.
टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी अनुपलब्धता की सूचना दी. इसके बजाय, पुतिन ने घोषणा की कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उनकी ओर से अंतरराष्ट्रीय सभा में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.
जैसा कि भारत सरकार द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है, दोनों नेताओं के बीच बातचीत में “आपसी चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों” पर भी चर्चा हुई.
पिछले सप्ताह रूसी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के इस मेगा इवेंट में भाग न लेने की वजह उनका “व्यस्त शेड्यूल” है.