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किलर ड्रोन, दुश्मनों के लिए क्यों है काल….भारत ने अमेरिका से कर दी 31 ‘हथियारों’ की डिमांड

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G20 समिट में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन आज भारत पहुंच रहे हैं. आज ही जो बाइडन और पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता भी होगी. बैठक से पहले भारत ने 31 टॉप हथियारयुक्त MQ9B रीपर या प्रीडेटर-B ड्रोन के मेगा अधिग्रहण के लिए अमेरिकी सरकार से औपचारिक अनुरोध किया है. भारत का इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य है हंटर ड्रोन के अंतिम अनुबंध पर हस्ताक्षर करना.

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कुछ दिन पहले 31 ‘हंटर-किलर’ ड्रोन के लिए LOR (लेटर ऑफ रिक्वेस्ट) भेजा. अब बाइडन प्रशासन इसका जवाब अपने विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के तहत अमेरिकी कांग्रेस को लागत के साथ LOA (लेटर ऑफ असेप्टेन्स) एक-महीने के भीतर देंगे. सशस्त्र बल अगले 6-7 वर्षों में सभी ड्रोनों को शामिल करने के लिए तैयार है. इसे जनरल एटॉमिक्स (जीए) द्वारा भारत में असेंबल’ किया जाएगा. यह चीन के सशस्त्र ड्रोन होंग-4 और विंग लूंग-I की तुलना में कहीं अधिक सक्षम है. चीन इसकी आपूर्ति पाकिस्तान को भी करता है

MQ9B, भारत की हिंद महासागर में लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमले की क्षमता रखता है. वहीं, चीन और पाकिस्तान के साथ भूमि सीमाओं पर भी निगरानी रखेगा. MQ9B को रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है या ऑटोनॉमस उड़ान के लिए भेजा जा सकता है. इसका विकास जनरल एटॉमिक्स सिस्टम्स द्व्रारा यूनाइटेड एयर फोर्स के लिए किया गया है. यह लंबे समय तक चलने वाले मिशनों के दौरान पहाड़ों और समुद्री क्षेत्र में रणनीतिक लक्ष्यों पर सटीक हमले भी कर सकता है. MQ-9B ड्रोन 40 हजार से अधिक फीट की ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह 5,670 किलो का वजन आराम से उठा सकता है. वहीं इसके फ्यूल की क्षमता 2,721 किलो है.