नाइजर में लगे सैन्य शासन ने फ्रांस के लिए मुसीबतें खड़ी कर दी है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने शुक्रवार को कहा “नाइजर में सैन्य जुंटा द्वारा फ्रांसीसी राजदूत को बंधक बनाया जा रहा है. ” मैक्रॉन ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि उनके राजदूत को सैन्य शासन से मिलने वाला भोजन दिया जा रहा है. मैक्रॉन ने बरगंडी की यात्रा के दौरान नाइजर के बिगड़े हालात के बारे में बताया.
नाइजर में सैन्य तख्तापलट के बाद से स्थिति बेहद तनावपूर्ण है, खासकर फ्रांस के लिए यह भयानक है क्योंकि देशभर के लोगों ने फ्रांस के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. फ्रांसीसी दूतावास के बाहर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारी फ्रांसीसी सैनिकों के आवास स्थल के पास इकट्ठे हुए. उन्हें हाथों में बैनर लिए देखा गया, जिसपर “फ्रांसीसी सेना हमारा देश छोड़ दो” जैसे नारे लिखे गए थे. सैन्य शासकों ने फ्रांसीसी राजदूत सिल्वेन इट्टे के तत्काल निष्कासन की भी घोषणा की और कहा है कि वे उनकी राजनयिक छूट वापस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी उपस्थिति सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है.
बता दें कि नाइजर में सैन्य तख्तापलट पहली बार नहीं हुआ है. साल 1960 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद यहां अब तक चार बार तख्तापलट हो चुका है. नाइजर से पहले उसके दो पड़ोसी देशों माली और बुर्किना फासो में पिछले सालों जिहादी विद्रोह के बाद तख्तापलट हुआ था और अब इस छोटे से देश में तख्तापलट ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है.