केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर उनके उस बयान के लिए हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, “अगर आपको आंकड़े चाहिए तो मैं बता देता हूं. सुनने के लिए आप सदन में बैठे नहीं हो. भारतीय जनता पार्टी के सांसदों में 29 प्रतिशत (85 सांसद) ओबीसी कैटेगरी के हैं. तुलना करनी है तो आ जाइए… 29 मंत्री भी ओबीसी कैटेगरी के हैं.” उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “भाजपा के 1358 में से कुल 365 विधायक यानी 27 फीसदी ओबीसी से हैं. इसके अलावे भाजपा के 63 में से 65 एमएलसी भी ओबीसी से ताल्लुक रखते हैं, जो कि 40 फीसदी है.”
गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना उन पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि “कोई एनजीओ उन्हें चिट बनाकर दे देता है, उसे यहां पढ़ दिया जाता है. राजनीति के लिए लोग भाषण करते रहे, लेकिन मन से कल्याण करने का काम नरेन्द्र मोदी ने किया है.” शाह ने कहा, “ओबीसी का राग अलापने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी पार्टियों ने कभी ओबीसी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने बनाया.”
उन्होंने कहा कि पहले भी चार बार महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के प्रयास हो चुके हैं, लेकिन कुछ कारणों से वे आगे नहीं बढ़ सके. उन्होंने कहा, “क्या प्रयास अधूरे थे, क्या मंशा नहीं थी? मैं उसके कारणों में नहीं जाना चाहता और किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहता.”
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “भारत सरकार में 90 सचिव हैं… 90 में से कितने लोग ओबीसी समुदाय से आते हैं? मैं जवाब से हैरान और टूट गया… मैं इसका जवाब देना चाहता हूं… केवल तीन सचिव ही ओबीसी समुदाय से हैं…” राहुल गांधी ने सरकार से देश में तत्काल जातीय जनगणना कराने का आग्रह करते हुए कहा, “यह जो सूची है वो ओबीसी समाज का अपमान है.”
उन्होंने आरोप लगाया, “यह सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है… जातीय जनगणना से ध्यान भटकाने में लगी रहती है. मुझे कारण नहीं पता. विपक्ष जैसे ही जातीय जनगणना की मांग करता है कि भाजपा कुछ नए इवेंट के जरिये ध्यान भटकाती है ताकि देश के लोग और ओबीसी दूसरी तरफ देखने लगें.”