भारत और कनाडा के आपसी संबंध अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. दोनों देशों की ओर से राजनयिक निष्कासन की घटना और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के गंभीर आरोपों के बाद भारत लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है. पहले दोनों देशों के बीच होने वाली द्विपक्षीय व्यापार बैठक रद्द कर दी गई. इसके बाद भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा जारी करने पर भी रोक लगा दी. वहीं, ट्रूडो को पाकिस्तान को छोड़कर भारत के खिलाफ दुनिया के किसी दूसरे देश का साथ नहीं मिल पा रहा है. इससे छटपटाए पीएम जस्टिन ट्रूडो बैकफुट पर आ गए हैं. उन्होंने कहा कि वह भारत को उकसाना नहीं चाहते थे. दोनों देशों के बीच जारी उठापटक के बीच जानते हैं कि कनाडा में कितनी भारतीय कंपनियों ने कितना निवेश किया हुआ है. अगर ये कंपनियां अपना निवेश खींच लें तो कनाडा को कितना नुकसान होगा?
भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई की इसी साल मई में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कंपनियों ने कनाडा में 6.6 अरब कनाडाई डॉलर यानी 40,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया हुआ है. इस निवेश से कनाडा में हजारों लोगों को नौकरियां मिली हुई हैं. सीआईआई की ‘भारत से कनाडा तक: आर्थिक प्रभाव और जुड़ाव’ शीर्षक वाली ये रिपोर्ट कनाडा में भारतीय कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, रोजगार सृजन, वित्त पोषण, अनुसंधान व विकास और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के मामले में कनाडाई अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों के योगदान पर रोशनी डालती है.
कितनी भारतीय कंपनियों ने कनाडा में किया है निवेश
सीआईआई की इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कनाडा के पास भी बड़े पैमाने पर निवेश करने योग्य पूंजी अधिशेष है. कनाडा भारत में अच्छे और बड़े निवेश के मौकों की तलाश कर रहा है. वहीं, बड़ी संख्या में भारतीय प्रतिभाएं कनाडा की अर्थव्यवस्था में मजबूत योगदान दे रही हैं. यहां तक कि भारत लगातार कनाडा में निवेश बढ़ा रहा है. तब कहा गया था कि भारतीय कंपनियां कनाडा में ज्यादा से ज्यादा निवेश करना चाहती हैं. बता दें कि 30 भारतीय कंपनियों ने कनाडा में 6.6 अरब कनाडाई डॉलर का निवेश किया हुआ है. इससे कनाडा के 8 प्रांतों में 17,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
भारतीय कंपनियों की आगे के लिए क्या थी योजना
भारतीय कंपनियों ने कनाडा में अनुसंधान व विकास कार्यों पर 70 करोड़ कनाडाई डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है. सीआईआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल 85 फीसदी कंपनियों ने भविष्य के इनोवेशंस के लिए फंडिंग बढ़ाने की उम्मीद जताई थी. तब रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय कंपनियां अगले पांच साल के दौरान कनाडा में ज्यादा निवेश करने की योजना बना रही हैं. साथ ही 96 फीसदी ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बना रही हैं. तब कनाडा ने सीआईआई की इस रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना प्रशांत क्षेत्र के दोनों किनारों के व्यवसायों के लिए फायदेमंद है.
कनाडा की अर्थव्यवस्था में छात्रों का 30% योगदान
भारत का कनाडा की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन के बाद सबसे ज्यादा भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए कनाडा ही जाते हैं. एमीग्रेशन रेफूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2002 में 2,26,450 भारतीय छात्र उनके अलग-अलग संस्थानों में पढ़ने के लिए पहुंचे थे. इस साल में कुल 5,51,405 छात्र दुनियाभर से वहां पढने गए. आंकड़ों से साफ है कि उच्च शिक्षा के लिए दुनियाभर से कनाडा पहुंचे छात्रों में भारत का योगदान 40 फीसदी है. कनाडा में सबसे ज्यादा छात्र भारतीय हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर चीन और तीसरे पायदान पर फिलिपींस से गए स्टूडेंट्स आते हैं. बता दें कि पढ़ने जाने वाले छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में 30 फीसदी योगदान करते हैं.
कनाडा को क्या-क्या निर्यात करता है भारत
कनाडाई सरकार के अपने आंकड़े बताते हैं कि 2022 में कनाडा-भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 9 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था. ये 2021 के मुकाबले 57 फीसदी ज्यादा रहा था. भारत कनाडा को कोयला, कोक, उर्वरक और ऊर्जा उत्पाद निर्यात करता है. वहीं, कनाडा से उपभोक्ता वस्तुएं, परिधान, ऑटो पार्ट्स, विमान उपकरण जैसे इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स आयात करता है. इसके अलावा दोनों देशों ने 2022 में समझौता किया था कि भारत-कनाडा के बीच उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. अगर दोनों देशों के संबंध ज्यादा बिगड़े तो इस पर भी असर पड़ सकता है.