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स्लीपर में बुकिंग AC में सफर, नहीं देना होगा अतिरिक्त किराया, रेलवे देता है यह खास सुविधा, ऐसे उठाएं फायदा

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क्या ऐसा संभव है कि आपने टिकट ट्रेन के स्लीपर कोच में बुक कराया और यात्रा के समय आपको सीट एसी कोच में मिल जाए और इसके लिए अतिरिक्त पैसा भी नहीं देना पड़े. ज्यादातर यात्री सोचेंगे कि यह कैसे मुमकिन नहीं है, लेकिन यह संभव है. भारतीय रेलवे यात्रियों को एक खास सुविधा देता है जिसके जरिए यात्री अपना टिकट ऑटो अपग्रेड कर सकते हैं.

ऑफलाइन और ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक कराते समय रेलवे ऑटो अपग्रेडेशन का विकल्प देता है. इस ऑप्शन को चुनने के बाद अगर किसी थर्ड एसी, सेकंड एसी और एसी फर्स्ट कोच में बर्थ उपलब्ध रहती है तो यात्रियों के टिकट को उसके हिसाब से अपग्रेड कर दिया जाता है. आइये जानते हैं आखिर रेलवे का यह सिस्टम कैसे काम करता है.

क्या है ऑटो अपग्रेडेशन सुविधा?
रेलवे में ऑटो अपग्रेडेशन का मतलब ट्रेन में आरक्षित श्रेणी से एक श्रेणी ऊपर टिकट का अपग्रेड होना. जैसे- स्लीपर से थर्ड एसी में, थर्ड एसी से सेकंड एसी में टिकट का अपग्रेड होना. खास बात है कि ऑटो अपग्रेड मुफ्त और सशुल्क दोनों तरीकों से होता है.

PRS के आधार पर अपग्रेड होता टिकट
भारतीय रेलवे ने 2006 में ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम शुरू की थी. अपग्रेडेशन का ऑप्शन यात्रियों रिजर्वेशन फॉर्म पर सबसे ऊपर दिया जाता है. यह विकल्प आईआरसीटीसी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से टिकट बुक करते समय भी उपलब्ध है. इस ऑप्शन को चुनने के बाद रेलवे उन टिकट को अपग्रेड करने पर विचार करता है. चार्ट तैयार करते समय अपग्रेडेशन PRS (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) द्वारा स्वचालित रूप से किया जाता है.

बता दें कि रेलवे द्वारा दिया जाने वाले ऑटो अपग्रेडेशन के विकल्प के तहत जरूरी नहीं है कि आपका टिकट अपग्रेड हो जाए. यह सिर्फ ट्रेन के अलग-अलग कोच में उपलब्ध खाली बर्थ पर निर्भर करता है. इस योजना को शुरू करने का भारतीय रेलवे का मूल उद्देश्य योजना के तहत यात्रियों को खाली सीटें आवंटित करके बर्थ उपलब्धता का उपयोग करना है.