भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि (GDP Growth Rate) के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC Meeting) की द्विमासिक बैठक के बाद आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने यह जानकारी दी. केंद्रीय बैंक ने महंगाई को सबसे बड़ी चुनौती बताया है. महंगाई अभी भी चार फीसदी से ऊपर चल रही है.
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4-6 अक्टूबर को हुई. बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी गई. मौद्रिक नीति समिति ने इस बार भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है.
जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए ग्रोथ अनुमान में बदलाव नहीं
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी विकास दर 6.0 फीसदी रह सकती है. पिछली एमपीसी मीटिंग में भी केंद्रीय बैंक ने तीसरी तिमाही में जीडीपी के इसी दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था. जनवरी-मार्च तिमाही के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और इसे 5.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती
आरबीआई गर्वनर शक्तिदास कांत ने कहा कि मौजूदा वित्तीय हालात और जियोपॉलिटिकल संकट के चलते ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती देखी जा रही है. अगर भारत की बात करें तो दूसरी तिमाही में इंडस्ट्रियल सेक्टर में रिकवरी आई है. कंस्ट्रक्शन गतिविधियां मजबूत हैं. सरकारी कैपेक्स सपोर्ट के चलते निवेश का सेंटीमेंट बना हुआ है. उन्होंने कहा कि घरेलू मांग मजबूत होने से भारतीय अर्थव्यवथा जुझारू बनी हुई है.
लगातार चौथी बार रेपो रेट में बदलाव नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और आज की एमपीसी मीटिंग में भी इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. फरवरी में आखिरी बार आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव कर 6.5 फीसदी किया था. बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक के बीच विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि महंगाई और अन्य वैश्विक कारणों के चलते भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा.