जिसकी जितनी संख्या, उसका उतना हक. ओबीसी के अधिकारों की जोरदार मांग करने वाली कांग्रेस के भीतर सामान्य वर्ग के नेताओं की असहजता का मसला पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दरवाजे पहुंच गया है, इसके चलते पार्टी ने सोमवार को कार्यसमिति की बैठक बुलाई है. राहुल गांधी और कांग्रेस के ओबीसी पर ताजा रुख ने पार्टी के भीतर अगड़ी जाति समेत कई नेताओं को असहज कर दिया. मामला राहुल से जुड़ा है, इसलिए खुलकर कोई बाहर बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहा. वरिष्ठ वकील और पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसके खिलाफ ट्वीट किया तो पार्टी ने फौरन किनारा ही नहीं किया बल्कि सिंघवी को सफाई देने के साथ ही ट्वीट डिलीट करना पड़ गया.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार कांग्रेस के तमाम नेताओं समेत, एमपी, राजस्थान के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष से अपना दुखड़ा रोया है. उनका कहना है कि, जिस तरीके से पार्टी ओबीसी के मामले को स्पीड उठा रही है, उससे ये संदेश जा रहा है कि, उसे अगड़ी जातियों का वोट ही नहीं चाहिए. इसका अभी विधानसभा के चुनावों में नुकसान हो सकता है.
ओबीसी नेताओं को ही उठाने दें मुद्दा
ऐसे में इन नेताओं ने खड़गे से गुजारिश की है कि, सामान्य वर्ग के लिए भी पार्टी को कोई मैकेनिज्म सामने रखना चाहिए. साथ ही ओबीसी पर अपना पक्ष रखने के बाद आये दिन इस मुद्दे को उठाने के बजाय इंडिया गठबंधन के ओबीसी नेताओं को ही इसे उठाने देना चाहिए. अब मामला राहुल गांधी से जुड़ा है इसलिए खड़गे ने इसके लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाने का फैसला किया, साथ ही नेताओं को ताकीद भी कर दी कि, कार्यसमिति की बैठक हो ही रही है तो बाहर किसी तरह की बयानबाजी न हो.