रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सिक्किम में बाढ़ के बाद लापता हुए सैनिकों के एक समूह में शामिल आठ सैन्य कर्मियों के अवशेष मिले हैं. सिक्किम में बुधवार को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद सेना के 23 जवान लापता हो गये थे। उस दिन बाद में एक सैनिक को बचा लिया गया था. सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में सेना के आठ कर्मियों समेत कई लोगों की मृत्यु होने से बहुत दुखी हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि शेष 14 सैनिकों और लापता नागरिकों को बचाने के लिए खोजबीन अभियान जारी है.
सिंह ने कहा, “हाल में सिक्किम में बादल फटने से आई बाढ़ में आठ सैन्यकर्मियों सहित कई लोगों की मृत्यु हो जाने से बहुत दुखी हूं.” उन्होंने कहा, “लापता 23 सैनिकों में से एक को बचा लिया गया, जबकि आठ वीर सैनिकों के अवशेष मिले हैं. राष्ट्र की सेवा के लिए अग्रिम क्षेत्रों में तैनात रहने के दौरान दिये गए उनके बलिदान को भुलाया नहीं जाएगा.” सिंह ने कहा, “शेष 14 सैनिकों और लापता नागरिकों को बचाने के लिए खोजबीन अभियान जारी है.”
इस बीच, सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वाले चार और लोगों के शव शनिवार को बरामद हुए, जिसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हो गई, जबकि पिछले तीन दिन से लापता बताए गए 62 लोग जीवित मिले हैं. एक सरकारी एजेंसी ने यहां यह जानकारी दी. सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने शनिवार शाम को अपने बुलेटिन में कहा कि इस तरह लापता लोगों की संख्या घटकर 81 रह गई है.
केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने यहां कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम रविवार से बाढ़ प्रभावित राज्य का दौरा करेगी. एसएसडीएमए ने कहा कि बुधवार तड़के बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के चलते राज्य के चार जिलों में 41,870 लोग प्रभावित हुए हैं, मंगन जिले को आपदा का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा, जहां लगभग 30,300 लोग आपदा की चपेट में आ गए हैं. अन्य तीन प्रभावित जिले गंगटोक, पाकयांग और नामची हैं.
तीस मौतों में से चार मंगन में, छह गंगटोक जिले में, 19 पाकयांग में और एक नामची में हुई. बुलेटिन में कहा गया है कि पाकयांग में मरने वाले 19 लोगों में सेना के नौ जवान भी शामिल हैं. तीन अक्टूबर को 23 सैनिक लापता हो गए थे और उनमें से एक को बचा लिया गया था. अब तक, विभिन्न क्षेत्रों से 2,563 लोगों को बचाया गया है और 6,875 लोगों ने राज्य भर में स्थापित 30 राहत शिविरों में शरण ली है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में बाढ़ से 1,320 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और चार जिलों में 13 पुल बह गए. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सिक्किम के मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग में अचानक आई बाढ़ के बाद फंसे 3,000 से अधिक पर्यटक सुरक्षित हैं. भारतीय वायु सेना ने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा बचाव और राहत अभियान चलाने के कई प्रयास किए, लेकिन खराब मौसम के कारण बागडोगरा के साथ-साथ चाटेन से भी उड़ान भरने में असमर्थ रहे.
दिन में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने मंगन जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सेना तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा किये जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया. इससे पहले तमांग ने मृतकों के परिवारों के लिए 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और शिविरों में शरण लेने वाले सभी लोगों के लिए 2,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिक्किम और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों में शेष लापता सैनिकों की तलाश जारी है.