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हमारी सरकार की जनहितैषी नीतियों से छत्तीसगढ़ के लोगों के चेहरे पर आई मुस्कान: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार की जनहितैषी नीतियों से छत्तीसगढ़ के लोगों के चेहरे में मुस्कान आई है। इसके परिणाम स्वरूप राज्य में हर अंचल तथा क्षेत्र के लोगों को आगे बढ़ने के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी के एक निजी होटल में इंडिया न्यूज समूह द्वारा आयोजित ‘मंच छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर इंडिया न्यूज गु्रप के रायपुर डिजिटल एडिशन का लॉन्च किया और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। उन्होंने परिचर्चा के दौरान कहा कि हमने जो वादे जनता से किए थे, वो तो पूरा कर ही रहे हैं। साथ ही जो वादे नहीं किए, उसे भी पूरा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए स्वामी आत्मानन्द स्कूल वहां 1-1 सीट के लिए आज 10-10 आवेदन आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ में बदले की राजनीति नहीं बदलाव की राजनीति करूंगा चाहे वह महिला हो बेरोजगार हो आदिवासी हो महिलाएं सभी के जीवन में बदलाव होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मैं अंबिकापुर में युवाओं से भेंट मुलाकात करके आ रहा हूं , जहां युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों के दिल और जुबान दोनों में समानता है। जो मेहनतकश लोग हैं उनको मेहनत का दाम हमने दिया है, किसान हो, मजदूर हो और विक्रेता मेहनतकश लोगों का दाम हमने दिया। बेरोजगारों को हमने काम दिया। छत्तीसगढ़ की संस्कृति गुम हो गई थी लोग उसे नजरअंदाज कर रहे थे। जो हीनता की भावना से और पीछे कोशिश करने का प्रयास कर रहे थे। लोगों की जो भावना थी, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, जो हमारी भाषा है, खान-पान संस्कार है। उसको हमने सम्मानित करने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की प्राचीन एवं समृद्ध आदिवासियों की संस्कृति को भी संरक्षण प्रदान करते हुए देश-दुनिया में पहचान दिलाने का काम किया। छत्तीसगढ़ में आदिवासी नृत्य का आयोजन किया, जिसमें देश ही नहीं विदेशी कलाकारों द्वारा भी प्रस्तुति दी जाती है। इससे छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण होता है। आदिवासियों, वनवासियों तथा संग्राहकों के हित में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। तेंदूपत्ता का मूल्य बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया गया। यहां देश के तीन चौथाई लघु वनोपज का संग्रहण किया जाता है। उन्होंने कहा कि धान का सर्वाधिक मूल्य हम किसानों को दे रहे हैं। इसके साथ ही गन्ना की भी सर्वाधिक कीमत दी जा रही है। कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य हमने घोषित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल मे लघु वनोपज खरीदने का काम किया तेंदूपत्ता खरीदी का काम किया, जबकि उस समय देश में दुकान एवं फैक्ट्री भी बन्द थीं। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ सरकार लोगों के साथ खड़ी रही। कोरोना संकट के समय जब देश में कहीं काम नहीं चल रहा था तब 26 लाख मनरेगा मजदूर छत्तीसगढ़ में काम कर रहे थे यह अपने आप में एक कीर्तिमान है।