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ED की आज सुबह कहां पड़ी रेड, क्‍या है 1625 करोड़ के लोन का फर्जीवाड़ा और क‍िस चर्च‍ित चेहरे के यहां पड़ा ये छापा

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केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Directorate of Enforcement) ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, पंचकूला, अंबाला के कुल डेढ़ दर्जन लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. यह सर्च ऑपरेशन शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे से शुरू हो गया. अगर मामले की बात करें तो ये मामला अपने आप में काफी चर्चित मामला है.

दरअसल जांच एजेंसी ईडी के द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए काफी चर्चित अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापक सदस्यों और करीब 1625 करोड़ के बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए इस सर्च ऑपरेशन के दौरान तमाम सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है. सर्च ऑपरेशन के दौरान अशोका यूनिवर्सिटी के सह -संस्थापकों में से एक विनीत गुप्ता , प्रणव गुप्ता सहित कई अन्य निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों के लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है .

बैंक से 1625 करोड़ का कर्ज लेकर पैसों को किया गया था डायवर्ट
पिछले साल 2022 में केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के द्वारा इस मामले में सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. उसके बाद जनवरी 2022 में करीब 12 लोकेशन पर सीबीआई की टीम के द्वारा छापेमारी की गई थी. छापेमारी के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों और दस्तावेजों को इकठ्ठा किया गया था. उसी दौरान अशोका यूनिवर्सिटी के सह -संस्थापकों से जुड़े कई महत्वपूर्ण इनपुट्स जांच एजेंसी के हाथ लगे थे. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा इस केस को चंडीगढ़ जोन के द्वारा टेकओवर किया गया और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करके आगे विस्तार से इस मामले में तफ्तीश की जा रही है और काफी शुरुआती इनपुट्स को खंगालने के बाद अब जांच एजेंसी छापेमारी की और तमाम कनेक्शन को ढूंढने का प्रयास कर रही है.

इन मामले की तफ्तीश में पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड के निदेशकों का कुछ राजनीतिक हस्तियों से जुड़ा कनेक्शन भी सामने आया है, लेकिन उसकी भूमिका को जांच एजेंसी के द्वारा खंगाला जा रहा है. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद अशोका यूनिवर्सिटी के कई संस्थापक सदस्यों ने सीबीआई जांच शुरू होने के बाद अपना पद वहां से छोड़ दिया था. हालांकि उस वक्त सोनीपत में स्थित विश्वविद्यालय के तरफ से एक बयान भी सामने आया था क‍ि यूनिवर्सिटी के निदेशकों और पैराबोलिक ड्रग्स फार्मा कंपनी से जुड़े निदेशकों का आपस में कोई कनेक्शन नहीं है. उससे जुड़े तार को जोड़ने का प्रयास करना एक गुमराह करने जैसा है, लेकिन जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं की इस मामले में जांच एजेंसी को पिछले कुछ दिनों पहले कुछ महत्वपूर्ण इनपुट्स मिले हैं. उसके बाद ही सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है.