केरल के एर्नाकुलम में कलामसेरी स्थित एक कन्वेंशन सेंटर में हुए धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. सिलसिलेवार तरीके से हुए तीन ब्लास्ट में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, जिन्होंने घटना के बारे में गृह मंत्री अमित शाह से बात की, उन्होंने बताया कि घायलों में से कुछ की हालत गंभीर है. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ‘यहोवा के साक्षी’ सम्मेलन के लिए 2000 से अधिक लोग शामिल हुए थे, इसी दौरान लगातार तीन विस्फोट हुए.
केरल सीरियल ब्लास्ट में आईपीसी की धारा 302 और 307 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी और मामले में अब तक अज्ञात लोगों के खिलाफ यूएपीए लगाया गया है. सूत्रों ने कहा, “खुफिया एजेंसियां केरल विस्फोट की जांच में आईएसआईएस मॉड्यूल पर नजर रख रही हैं, जिसने श्रीलंका में ईस्टर बम विस्फोट को अंजाम दिया था.
सूत्रों ने न्यूज18 को बताया है कि शुरुआती आकलन से पता चल रहा है कि यह एक आतंकी हमला है, खासकर सीरियल ब्लास्ट. वहीं विस्फोट के बाद बम निरोधक दस्ता, फोरेंसिक टीम और एनआईए की एक टीम मौके पर पहुंची, जबकि एक संदिग्ध को कन्नूर रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया. रविवार रात तक मरने वालों की संख्या दो थी, बाद में 12 वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई, जिससे घटना में मरने वालों की संख्या तीन हो गई.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा था कि 52 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें से 18 आईसीयू में थे और 12 वर्षीय लड़की सहित छह गंभीर रूप से घायल थे. ब्लास्ट के आरोपी का नाम डोमिनिक मार्टिन बताया जा रहा है. सरेंडर करने से पहले उसने फेसबुक लाइव करके इस हमलों की जिम्मेदारी ली और फिर भी यह बताया कि उसने विस्फोट क्यों किए.
ईसाई समुदाय के ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने रविवार सुबह धार्मिक सभा में हुए विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में खुद की पहचान मार्टिन के रूप में बताते हुए व्यक्ति ने दावा किया कि उसने विस्फोट इसलिए किए क्योंकि संगठन की शिक्षाएं देश के लिए सही नहीं है.