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मिलेगा ज्‍यादा रिटर्न, लगेगा बैंक नहीं घर की अलमारी में रखे हैं पैसे, अगर इस ट्रिक से कराएंगे एफडी

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फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Fixed Depost) जोखिम न उठाने वाले निवेशकों की पहली पसंद है. अब तो एफडी पर ब्‍याज भी शानदार हो गया है. बढिया रिटर्न और न के बराबर रिस्‍क जैसी खूबियों के साथ एफडी में एक कमी है. वह है इसमें पैसा एक अवधि के लिए बंध जाता है. अगर मैच्‍योरिटी से पहले पैसा निकालो तो ब्‍याज का नुकसान और पेनल्‍टी अलग से दो. लेकिन, कुछ स्‍मार्ट निवेशकों ने तो इसका तोड़ भी निकाल लिया है. और हां, ब्‍याज भी वे और से ज्‍यादा लेते हैं. वे कोई जादू नहीं करते. बस उन्‍होंने एफडी कराने का अपना तरीका बदल लिया है. वो आम तरीके से नहीं बल्कि लेडर स्‍ट्रेटेजी (FD ladder strategy) अपनाकर एफडी में पैसा इनवेस्‍ट करते हैं.

लेडर स्‍ट्रेटेजी से फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट कराने पर न केवल ज्‍यादा ब्‍याज लिया जा सकता है, बल्कि लिक्विडिटी की कमी का सामना भी कम करना पड़ना है. पैसों की जरूरत पड़ने पर आमतौर पर एफडी तुड़वाने की जरूरत नहीं पड़ती. अगर पड़ती है तो प्री-मैच्‍चोर विड्रॉल पर उतना नुकसान नहीं होता, जितना साधारण तरीके से कराई एफडी पर होता है.

क्‍या बला है लेडर स्‍ट्रेटेजी?
लेडर स्‍ट्रेटेजी कहती है कि जितना पैसा एफडी में लगाना है, उसे बांटकर लगाइए. एक ही एफडी में नहीं. एक ही अवधि की फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में अपना सारा पैसा लगा देने की बजाय उन पैसों को तीन भागों में बांटिए. फिर उसे 1 साल, 3 साल और 5 साल की अवधि वाली फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में बराबर-बराबर डाल दीजिए. इस तरह एफडी की एक सीढ़ी बन जाएगी. 1 साल वाली एफडी के मैच्‍योर होते ही, उसे तीन साल की अविध की एफडी में फिर से डाल दें. इसी तरह ज्‍यों-ज्‍यों एफडी मैच्‍योर हो, आगे बढ़ाते रहें.

ज्‍यादा ब्‍याज
लेडर स्‍ट्रेटेजी से एफडी कराने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको ज्‍यादा ब्‍याज मिलेगा. आमतौर पर बैंक 3 साल की एफडी पर ज्‍यादा ब्‍याज देते हैं. आपके पैसे पर आपको तीन तरह से ब्‍याज मिलेगा और एक अवधि की एफडी में किए गए इक्‍टठे निवेश से मिलने वाले ब्‍याज से यह ज्‍यादा होगा.