सोना वो पीली धातु या कीमती मेटल है जिसे लेकर भारतीयों का मोह जगजाहिर है. अगस्त 2023 में देश का सोने का आयात बढ़कर 3.5 बिलियन डॉलर पर आ गया है. इससे पिछले साल यानी वर्ष 2022 में सोने का कुल आयात 3.4 ट्रिलियन रुपये का रहा था. भारतीयों के सोने के मोह को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है क्योंकि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PM-EAC) के अस्थायी सदस्य नीलेश शाह ने इसे लेकर बड़ी बात कही है.
21 सालों में सोने के आयात पर खर्च हुए 500 अरब डॉलर
म्यूचुअल फंड उद्योग के दिग्गज नीलेश शाह ने कहा है कि पिछले 21 सालों में भारतीय लोगों ने अकेले सोने के इंपोर्ट पर करीब 500 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं. इतना ही नहीं नीलेश शाह ने ये तो यहां तक कहा कि अगर “भारत के लोगों को सोने के आयात की आदत नहीं होती तो भारत 5000 अरब डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लक्ष्य को ‘बहुत पहले’ ही हासिल कर चुका होता.”
सोने ने बीते एक साल में दिया अच्छा रिटर्न
सुनहरी मेटल गोल्ड ने लगातार कई सालों से शानदार रिटर्न दिया है और ये वित्तीय ऐसेट्स में सबसे ज्यादा तेजी से रिटर्न देने वाला इंवेस्टमेंट टूल बनकर सामने आया है. यहां तक कि कोविडकाल में भी गोल्ड की चमक कम नहीं हुई और इसने म्यूचुअल फंड के साथ-साथ सबसे ज्यादा रिटर्न दिए. अगर एक साल की बात करें तो सोने ने 5715 रुपये प्रति 10 ग्राम का रिटर्न दिया है और इसे प्रतिशत में देखें तो ये 10.85 फीसदी का रिटर्न है.
3 साल में 20 फीसदी का रिटर्न
साल 2020 में जहां सोने का रेट 48,651 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था वहीं 2023 के ताजा रेट देखें तो ये 58,385 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गए हैं. यानी करीब 10,000 रुपये का फायदा प्रत्येक 10 ग्राम पर सोने के निवेशकों को मिला है. प्रतिशत में देखें तो ये सीधा 20 फीसदी का रिटर्न बनता है और ये अन्य निवेश ऐसेट की तुलना में अच्छा रिटर्न माना जा सकता है.
2010 से सोने के रेट देखें
साल 2010 से 2020 के दौरान देखें तो साल 2010 में इसके रेट 18,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थे और साल 2020 में ऐवेरेज गोल्ड प्राइस 48,651 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था.
इस साल सोने में दिखा शानदार उछाल
साल 2023 में सोने के दाम में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया है. 2022 में सोने के दाम जोरदार तरीके से उछले हैं. साल 2023 के पहले छह महीनों में गोल्डन मेटल के रेट में 3000 रुपये की तेजी देखी गई है जो कि करीब 6.5 फीसदी का उछाल है. बीते साल रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दरों में इजाफा करने और महंगाई बढ़ने जैसे कारणों से सोने के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
क्यों है सोने को लेकर बड़ा चाव
ये कीमती मेटल आमतौर पर इंवेस्टर्स के लिए सेफ हैवन कहा जाता है और इसमें अस्थिरता कम होती है. ऑयल और डॉलर जैसे ऐसेट्स को जोखिम वाले ऐसेट्स माना जाता है और इनकी कीमतें जब नीचे आती हैं तो तेजी से नीचे आती हैं, जबकि गोल्ड के दाम काफी जल्दी ऊंचाई पर जाते हैं. ग्लोबल मार्केट में हो रही हलचल के आधार पर गोल्ड की वैल्यू में उतार-चढ़ाव देखा जाता है.