सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ‘डार्क पैटर्न’ (Dark Patterns) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. कंपनियां या कारोबारी ‘डार्क पैटर्न’ के जरिए ग्राहकों को धोखा देने या उनके व्यवहार अथवा पसंद को प्रभावित करने की कोशिश करते है.
सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए (CCPA) ने 30 नवंबर को इस संबंध में ‘डार्क पैटर्न रोकथाम एवं विनियमन दिशानिर्देश’ (Guidelines for Prevention and Regulation of Dark Patterns) के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी की. यह नोटिफिकेशन भारत में वस्तुओं और सेवाओं की पेशकश करने वाले सभी प्लेटफॉर्म्स, विज्ञापनदाताओं और सेलर्स पर भी लागू है.
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत लगेगा जुर्माना
नए गाइडलाइंस के मुताबिक डार्क पैटर्न का सहारा लेना उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होगा. इसे भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार व्यवहार माना जाएगा. ऐसा करने पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा.
ग्राहकों को गुमराह करने के लिए डार्क पैटर्न का तेजी से इस्तेमाल
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ई-कॉमर्स बढ़ने के साथ ही उपभोक्ताओं को उनकी खरीदारी के विकल्पों और व्यवहार में हेरफेर करके गुमराह करने के लिए प्लेटफॉर्म्स द्वारा डार्क पैटर्न का तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नोटिफाई गाइडलाइंस सभी हितधारकों – खरीदारों, विक्रेताओं, बाजारों और नियामकों के लिए स्पष्टता लाएंगे कि अनुचित व्यापार गतिविधियों के रूप में क्या स्वीकार्य नहीं है. इनका उल्लंघन करने वाला कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उत्तरदायी होगा.