अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम आतंकवादियों के निशाने पर है. एजेंसियों ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले राजनेताओं और नौकरशाहों के लिए बड़ा खतरा मंडरा रहा है. असमाजिक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. अयोध्या में आयोजित होने वाले राम जन्मभूमि के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह ने आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की नींद उड़ा रखी है. खुफिया एजेंसियों के दावे के मुताबिक कट्टरपंथी संगठन लगातार इस बात को बढ़ावा देने में लगे हैं कि केंद्र सरकार एक वर्ग विशेष के खिलाफ जा रही है.
सुरक्षाबलों को आसपास क्षेत्रों में निगरानी रखने के आदेश
खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियों की एक बैठक भी हुई है, जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए समीक्षा कर व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुरक्षा बलों को समारोह के पहले से ही सतर्क रहने के लिए कहा गया है, जिससे आतंकवादी संगठन और उससे जुड़े तत्व आसपास के इलाकों में अपनी पैठ ना बना सके. सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि आसपास के इलाकों में लगातार अपनी निगाह बनाकर रखें और तलाशी अभियान जारी रखें.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के निशाने पर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम
राम जन्मभूमि प्रतिष्ठा समारोह के शांतिपूर्ण संपन्न होने की आशंका ने आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थक असामाजिक तत्वों की पूरी कोशिश है कि 22 जनवरी 2024 के पहले किसी भी तरह अयोध्या उत्तर प्रदेश समेत भारत के कुछ स्थानों का माहौल बिगाड़ा जाए, जिससे अंतर्राष्ट्रीय जन समुदाय के सामने यह बात रखी जा सके की भारत में एक वर्ग विशेष का उत्पीड़न हो रहा है. दिलचस्प यह है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और उससे जुड़े तत्व इसके लिए अपने गुर्गों के जरिए बड़े राजनेताओं और नौकरशाओं को अपना निशाना बना सकते हैं.
10,715 एआई बेस्ड कैमरे लगेंगे
वहीं अयोध्या में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्नत सुरक्षा और प्रबंधन उपायों को शामिल करते हुए एक व्यापक योजना लागू की है. एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली (आईटीएमएस) को पूरे शहर में 1500 सार्वजनिक सीसीटीवी कैमरों के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे सतर्क निगरानी सुनिश्चित की जा सके. विशेष रूप से, अयोध्या का येलो जोन 10,715 एआई-आधारित कैमरों से लैस होगा, जिसमें चेहरे की पहचान तकनीक होगी, जो आईटीएमएस के साथ सहजता से एकीकृत होगा और यहां से निगरानी की जाएगी. एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष भी तैयार किया जाएगा.