भारत में स्वच्छा मिशन का अलख अब हर एक देशवासी में जग चुका है, जिसका असर सड़कों, गलियों व पार्कों में नजर आता है. इसी क्रम में स्वच्छता को लेकर किए गए वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर और सूरत को सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है. इंदौर ने लगातार सातवीं बार ये खिताब जीता है. गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुरस्कार लिया. इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थे. तीसरे स्थान पर नवी मुंबई को मिला.
बता दें कि एक तरफ जहां इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड मिला है. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश को दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य चुना गया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में दो शहरों को पहला स्थान मिला हो. इंदौर के साथ-साथ गुजरात का सूरत भी संयुक्त रूप से देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है. सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड लेने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और बताया कि इंदौर ने लगातार सातवीं बार ये सम्मान हासिल किया है. वहीं देश का सबसे स्वच्छ राज्य महाराष्ट्र बना है. छत्तीसगढ़ देश का तीसरा स्वच्छ राज्य बना है.
हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 2019 में शुरू किए गए भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) ने उन 49 शहरों की लिस्ट जारी की है, जहां पीएम 2.5 की मात्रा सबसे अधिक थी. जारी की गई लिस्ट के मुताबिक उत्तर भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में स्थित भारत के आध्यात्मिक शहर वाराणसी में पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में सबसे महत्वपूर्ण कमी देखी गई है.