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HPV वैक्सीन लेने के बाद महिलाओं को नहीं होगा कैंसर…कौन और किस उम्र तक के लिए है यह टीका

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जितनी तेजी से हमारा समाज आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से दुनिया में कैंसर भी फैलने लगा है. पबमेड सेंट्रल जर्नल में आईसीएमएआर की रिसर्च के हवाले से बताया गया है कि 2022 में सिर्फ भारत में 14.61 लाख कैंसर के मामले सामने आए. इनमें पुरुषों में लंग्स कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा आते हैं. महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा सर्विकल कैंसर से जूझना पड़ता है. सर्विकल कैंसर के लिए मुख्य रूप से HPV यानी ह्यूमन पैपिलोवायरस जिम्मेदार होता है. एचपीवी शुरुआत में बहुत मामूली परेशान कर देता है. इसलिए महिलाएं अक्सर इसे नजरअंदाज कर देती हैं लेकिन 5 से 10 साल बाद यही वायरस महिलाओं के जननांग में कैंसर जैसी घातक बीमारी दे देता है. हर साल देश में 75 हजार महिलाएं सर्विकल कैंसर के कारण मर जाती हैं.

सरकार की मुफ्त में वैक्सीन देने की योजना
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एचपीवी वायरस के असर को खत्म करने और महिलाओं में सर्विकल कैंसर को रोकने के लिए वैक्सीन आ चुकी है. विदेश में हालांकि यह वैक्सीन पहले बन चुकी थी लेकिन भारत में अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसे बना लिया है. चूंकि सर्विकल कैंसर सिर्फ महिलाओं में होती है और तेजी से यह फैल रही है, इसलिए सरकार ने आक्रामक योजना बनाई है. सरकार ने सर्विकल कैंसर के मामले को खत्म करने के उद्येश्य से इस वैक्सीन को पूरे देश में मुफ्त में लगाने की योजना बनाई है. इसी साल मार्च में यह वैक्सीन स्कूल की लड़कियों को लगाई जाएगी.

किस उम्र की लड़कियों को मिलेगी यह वैक्सीन
चूंकि यह वैक्सीन अभी सभी उम्र की महिलाओं के लिए नहीं बनी है, इसलिए इसे 9 से 14 साल की लड़कियों को यह लगाई जाएगी. सरकार इसके लिए पूरे देश में अगले तीन साल तक अभियान चलाएगी. जो भी 9 से 14 साल की लड़कियां होंगी, उसे यह वैक्सीन लगाई जाएगी. 3 साल के बाद सर्विकल कैंसर की इस वैक्सीन सरकार के टीका अभियान में शामिल कर लिया जाएगा.

कितनी असरदार है यह वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस वैक्सीन को सर्वावैक Cervavac नाम दिया है. कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन सबसे प्रभावी चार तरह के एचपीवी वायरस से होने वाले कैंसर को रोकेगी. इसमें पहले जननांगों में मस्सा जो बाद में कैंसर के रूप में उभर जाता है. कम से कम 14 तरह के एचपीवी वायरस कैंसर फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं, इनमें से एचपीवी 16 और 18 सबसे ज्यादा खतरनाक है जो इस वैक्सीन से 70 प्रतिशत तक रूक जाएगा. अगर यह वैक्सीन सार्वभौमिक रूप से लड़कियों को दे दी जाएगी तो इससे लड़कों में संचारित होने का खतरा भी कम हो जाएगा और इससे अन्य तरह के कैंसर के होने का जोखिम भी कम हो जाएगा.