धर्म, अध्यात्म और संस्कृति की राजधानी काशी में देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थल व मंदिर मौजूद है. योगी सरकार पावन पथ सर्किट के मंदिरों का और वहां तक पहुंचने वाले पावन पथ का जीर्णोद्धार करा दी है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के वाराणसी के 22 व 23 फरवरी दौरे में प्रस्तावित हैं. पावन पथ सर्किट में दस यात्राओं शामिल है. इस यात्रा में पड़ने वाले 101 मंदिरों के साथ ही इस पथ में पड़ने वाले धार्मिक मान्यता वाले कुंड, तलाब,कूप ,घाट, प्राचीन वृक्ष का भी जीर्णोद्धार व विकास किया गया है. काशी की सीमा में प्रवेश करते ही आपको पावन पथ सर्किट की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी. पावन पथ का पुनरुद्धार लगभग 24.34 करोड़ रुपये से हुआ है.
काशी की धरती पर जैसे ही आप कदम रखेंगे आपको पावन पथ सर्किट का पथ प्रदर्शक मिल जाएगा. इस पर सभी दसों पावन पथों की सम्पूर्ण जानकारी अंकित मिलेगी. पावन पथ सर्किट में 10 यात्राओं को शामिल किया गया है. इसमें अष्ट भैरव यात्रा, नौ गौरी यात्रा, नौ दुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक, एकादश विनायक यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा, काशी में चार धाम यात्रा है. पूर्व की सरकारों ने सनातन धर्म की आस्था का केंद्र काशी के इन धार्मिक यात्राओं और मंदिरों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे इन महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं के मार्ग और मंदिर गलियों में समय के साथ गुम होते चले गए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार की बड़ी योजना में शामिल पवन पथ भी था, जिससे काशी आने वाला तीर्थ यात्री काशी के किसी भी धार्मिक पहलू से वंचित नहीं रह पाएंगे. यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड वाराणसी के परियोजना प्रबन्धक ने बताया कि इस परियोजना में दस महत्वपूर्ण यात्राओं सहित काशी क्षेत्र के भीतर धार्मिक तीर्थ यात्रा को यात्रियों के सुविधाजनक बनाने के लिए की गई है. पावन पथ और उससे जुड़े करीब 101 मंदिरों, तलाब, कुंड व अन्य स्थलों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है. पावन पथ यात्रा के प्रत्येक मार्ग के शुरुआत और यात्रा के अंतिम पड़ाव पर भव्य द्वार व स्तम्भ बनाया जाएगा.
इतिहास से भी प्राचीन शहर काशी में देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं. इस सर्किट का उद्देश्य, इन प्राचीन मंदिरों एवं इनके पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालना और देश के समृद्ध भारतीय संस्कृति को एक बार फिर पूरे विश्व तक पहुंचाना है. परियोजना प्रबंधक ने बताया कि यात्री पावन पथ के यात्रा को सुगमता और सरलता से कर सके, इसके लिए हाईवे व जंक्शन जैसे महत्पूर्ण जगहों पर प्रत्येक यात्रा के पथ की सुविधा के लिए सड़क पर स्टोनमार्कर, ग्राफिक्स के साथ साइनेज लगाए गए है. रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, प्रमुख घाटों, अंतरराज्यीय बस डिपो आदि जैसे प्रमुख स्थलों पर यात्रियों को सूचना प्रदान करने के लिए भी साइनेज व मैप लगा गए है. वाराणसी में तीर्थयात्रियों के अलावा देश और विदेश से भी अन्य यात्री आते हैं.
इसके लिए मानचित्र और संबंधित स्थल का इतिहास,आसपास के क्षेत्रों और तीर्थ स्थलों की सम्पूर्ण जानकारी, स्थानीय लोक साहित्य, पौष्टिक खान-पान प्राकृतिक विरासत स्थलों सहित पावन पथ को धर्मक पर्यटन के रूप में विकसित किया गया है. यात्री पावन पथ पर रात में भी आसानी से जा सके इसके लिए बेहतर मार्ग, अच्छी लाइट, अच्छे विश्राम स्थल, लैंडस्केपिंग के साथ अन्य प्राकृतिक साज-सज्जा की गई है. इस योजना के मूर्त रूप लेने से धार्मिक पर्यटन उद्योग नई उड़ान भरेगा.