रफ्तार का जमाना है. जमाने के साथ अब चलना नहीं दौड़ना पड़ता है और वह भी टॉप स्पीड में. टू-व्हीलर पर चलने वाले लोग अब फोर-व्हीलर में फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं. अगर अभी तक आप इस दौड़ में शामिल नहीं हुए हैं, निश्चित ही पिछड़ जाएंगे. फिर देरी किस बात की…क्या…पेट्रोल महंगा हैं और कार का एवरेज कम निकलता है? अरे छोड़ो ये बहाना, अब तो ईवी का है जमाना. पेट्रोल की चिंता किसे है. इलेक्ट्रिक कार लाइये, बिना पट्रोल और बिना आवाज के लाइफ को टॉप गियर में डालकर फुल स्पीड पर दौड़ाइये. अरे अब क्या….कार खरीदने के लिए पैसे चाहिए! लो ये टेंशन भी हम दूर किए देते हैं. एसबीआई इलेक्ट्रिक कार के लिए सस्ती दरों पर लोन दे रहा है. बस अप्लाई कीजिए और फाटफट कार घर लाइए…बच्चों को घुमाइये और वह भी तेल की चिंता किए बिना.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने इलेक्ट्रिक कार की खरीद के लिए विशेष योजना शुरू की है. 21 साल से लेकर 70 वर्ष तक आयु वाला कोई भी व्यक्ति ईवी के लोन के लिए आवेदन कर सकता है. आप 3 से लेकर 8 साल तक आसान किस्तों पर लोन ले सकते हैं. खास बात ये है कि ईवी कार लोन की ब्याज पर सामान्य ऑटो लोन से 0.25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. एक और बड़ी बात ये है कि आप कार की ऑनरोड कीमत का 90 प्रतिशत तक लोन ले सकते हैं. कुछ खास मॉडल पर तो 100 परसेंट फाइनेंस की सुविधा दी जा रही है. यानी खाली जेब भी आप कार खरीद सकते हैं.
कितना लोन और कितना ब्याज
भारतीय स्टेट बैंक इस समय सामान्य कार पर 8.85 से 9.80 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन दे रहा है. बिजली से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार पर लोन की यह दर 8.75 से लेकर 9.45 प्रतिशत हो जाती है.
एसबीआई अलग-अलग आय वर्ग के लोगों को अलग-अलग ईवी कार लोन देता है. अगर आप सरकारी कर्मचारी है और आपका वेतन न्यूनतम 3 लाख रुपये सालान है, तो बैंक आपको नेट मासिक आय का अधिकतम 48 गुना कार लोन दे सकता है. खेतीबाड़ी से व्यक्तियों को, जिनकी सालाना आय न्यूनतम 4 लाख रुपये है, कुल आमदनी का 3 गुना लोन मिल सकता है.
कारोबारी, प्रोफेशनल और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को आईटीआर में ग्रॉस टैक्सेबल इनकम या नेट प्रॉफिट का 4 गुना लोन मिल सकता है.
लोन लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और इलेक्ट्रिक कार के लिए लोन लेने जा रहे हैं तो आपके पास पिछले 6 महीने की बैंक अकाउंट डिटेल होनी चाहिए. पासपोर्ट आकार के दो फोटो, पहचान प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण पत्र आदि कागजात होने चाहिए. यही बातें प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी और खेतीबाड़ी से जुड़े लोगों पर भी लागू होती हैं.