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आ रहा सरकारी ट्रू कॉलर, फर्जी कॉल पर लगेगी लगाम, असली कॉलर की होगी पहचान

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जल्द ही आप जान सकेंगे कि आपको कौन शख्स कॉल कर रहा है? फिर कॉल उठाना है या नहीं, इसका फैसला करना यूजर्स के लिए आसान हो जाएगा. अब सरकारी ट्रू कॉलर जैसी सुविधा के लिए ट्राई ने ड्रॉफ्ट मसौदा जारी किया है. जल्द ही आपके मोबाइल पर नंबर के साथ कॉलर का असली नाम भी आएगा. अब फोन पर वही नाम आएगा, जो उसने अपने मोबाइल कनेक्शन के फॉर्म में दिया होगा. इस तरह फर्जी कॉल पर लगाम लगेगी और असली कॉलर की पहचान होगी.

इस बारे में ट्राई ने 29.11.2022 को ‘दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) का परिचय’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया था. इसमें सभी हितधारकों की टिप्पणिया मांगी गईं थीं. इसके लिए परामर्श पत्र पर एक ओपन हाउस चर्चा 09.03.2023 को वर्चुअल मोड के जरिये आयोजित की गई थी.

हितधारकों से हासिल टिप्पणियों/इनपुट और अपने स्वयं के विश्लेषण के आधार पर ट्राई ने ‘भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा की शुरुआत’ पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है. सिफारिशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

– भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) अनुपूरक सेवा शुरू की जानी चाहिए.

कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (सीएलआई) को आईटीयू अनुशंसा/आईपी पते के ई.164 के अनुसार निर्दिष्ट टेलीफोन नंबर और कॉलिंग नाम (सीएनएएम) या किसी अन्य पहचान के अनुसार कॉल करने वाले/प्रारंभ करने वाले ग्राहक की पहचान के रूप में फिर से समय-समय पर लाइसेंसकर्ता द्वारा परिभाषित किया जाना चाहिए.

– सभी सेवा प्रदाताओं को अपने टेलीफोन ग्राहकों को उनके अनुरोध पर कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) पूरक सेवा प्रदान करनी चाहिए.

– ग्राहक आवेदन प्रपत्र (सीएएफ) में टेलीफोन ग्राहक द्वारा प्रदान की गई नाम पहचान जानकारी का उपयोग सीएनएपी के प्रयोजन के लिए किया जाना चाहिए.

– भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में सीएनएपी के कार्यान्वयन के लिए एक तकनीकी मॉडल की रूपरेखा तैयार की गई है.

– सिफारिशों की मंजूरी के बाद सरकार को उपयुक्त कट-ऑफ तारीख के बाद भारत में बेचे जाने वाले सभी उपकरणों में सीएनएपी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उचित निर्देश जारी करना चाहिए.