बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की जांच में केंद्रीय जांच एजेंसियां भी शामिल हो गई है. इस धमाके में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठनों का हाथ माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अभी तक की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि बम रखने वाले ने इस जगह की बाकायदा रेकी की होगी. तभी उसने आईईडी को रखने के लिए उस जगह को चुना जहां लोग हाथ धोने के लिए आते थे. इसके साथ ही बम रखने वाले ने अपनी पहचान छुपाने का भी पूरा इंतजाम कर रखा था, जिससे उसका चेहरा सीधे तौर पर सीसीटीवी की पकड़ में ना आ सके.
शुरुआती जांच में अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक इस आईईडी को बनाने में संभवत: पोटैशियम नाइट्रेट और गन पाउडर समेत बाजार में आसानी से मिलने वाले केमिकल का प्रयोग किया गया है. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जा सकेगा.
अधिकारियों का मानना है कि यह आईईडी जिस तरह से बनाया गया था, उसे देखकर ऐसा लगता है कि इसे कंप्यूटर पर देखकर तैयार किया गया होगा. यह भी संभव है कि बम बनाने के लिए संदिग्ध ने यूट्यूब जैसे किसी सोशल मीडिया ऐप के जरिये किसी से ट्रेनिंग ली हो.