इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पुलिस की गिरफ्त में बैठा 35 वर्षीय मोहम्मद फारुख मूल रूप से बांग्लादेश का वाशिंदा है. बीते दिनों, वह मेघालय के रास्ते घुसपैठ कर बांग्लादेश से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ था. नापाक इरादों के साथ घुसपैठ करने वाले मोहम्मद फारुख ने क्रमश: तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात को अपनी पनाहगाह बनाया. अपने मंसूबों का आखिरी दांव लेकर वह दिल्ली पहुंच गया. वह अपने मंसूबों में सफल हो पाता, इससे पहले वह आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के गिरफ्त में आ गया.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि टर्मिनल थ्री से गिरफ्तार किया गया मोहम्मद फारुख मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह बांग्लादेश में दर्जी का काम कर किसी तरह अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा था. कड़ी मेहनत के बावजूद उसके लिए दो जून की रोटी कमाना भी मुश्किल हो रहा था. जिंदगी की जद्दोजहद से लड़ रहे फारुख की मुलाकात अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर सक्रिय सिंडिकेट हो गई. सिंडिकेट की मदद से वह मेघालय से घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हो गया.
पूछताछ के दौरान, उसने बताया कि 2021 में भारतीय सीमा में दाखिल होने के बाद उसने पहली पनाह तमिलनाडु में ली. करीब छह से सात महीने तक वह तमिलनाडु में लोगों के कपड़े सिलकर अपना गुजर बसर करता रहा. 2022 में वह कर्नाटक के बेंगलुरू शहर आ गया और एक टेलर की शॉप में दर्जी का काम करने लगा. इसी बीच, बेंगलुरु में उसकी मुलाकात रफीक मोहम्मद नाम के शख्स से हो गई. अब फारुख ने रफीक की मदद से अपने मंसूबे के अगले पायदान पर कदम रखने की सोच ली. बात करने पर रफीक उसकी मदद के लिए राजी भी हो गया.