केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने शनिवार को बताया कि कैसे सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को काबू में रखने के लिए बड़े कदम उठाए. उन्होंने बताया कि इन कदमों की वजह से सरकारी खजाने को नुकसान तक उठाना पड़ा. बकौल पुरी, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने से नवंबर 2021 से मई 2022 तक सरकारी खजाने को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. उन्होंने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही. आपको बता दें कि उपरोक्त दी गई अवधि के दौरान पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी में 13 रुपये और डीजल में 16 रुपये की कटौती की गई थी.
लेकिन तेल कंपनियों ने खुदरा तेल के दाम नहीं घटाए, यह बताया गया कि पिछले घाटे की क्षतिपूर्ति के लिए तेल कपंनियां दाम नहीं घटा रही है. इस दौरान पेट्रोल पर तेल कपंनियों ने प्रति लीटर 10 रूपये और डीजल पर करीब 5 रुपये प्रति लीटर की कमाई की. इससे तेल कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये का लाभ हुआ. यह माना जा रहा है कि आम चुनाव की घोषणा से पहले पेट्रोल डीजल के दाम में भी कटौती की जा सकती है. हालांकि इंडियन आयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तेल के दाम चुनाव घोषणा के बाद भी घटाए जा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि तेल के दाम सरकार के नियंत्रण से मुक्त हैं.