छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से चौंकाने वाली खबर है. जिले में हाथियों का सिकासेर दल वापस लौट आया है. इस दल में 35- 40 हाथी हैं. इनमें नए जन्मे शावक भी देखे जा रहे हैं. फिलहाल ये दल दुगली वन परिक्षेत्र के दक्षिण जबर्रा के पास जंगल मे बना हुआ है. वन विभाग की एक टीम लगातार हाथियों के मूवमेंट पर निगाह रखे हुए है.
हाथियों पर नजर रख रही वन विभाग की टीम की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. ये तस्वीरें दस मार्च की है. विभाग का निगरानी दल जंगल में हाथियों से घिर गया. हाथियों ने उन्हें देख लिया. वे दल की तरफ बढ़ने लगे. ये देख निगरानी दल फौरन पेड़ पर चढ़ गया और अपनी जान बचाई. करीब डेढ़ घंटे तक निगरानीकर्मी पेड़ पर ही फंसे रहे.
बाद में जब हाथियों का झुंड वहां से दूसरी तरफ बढ़ गया. जब तक हाथी दूर नहीं निकल गए, तब तक निगरानीकर्मी पेड़ पर ही चढ़े रहे. बता दें, ये दल पहले भी धमतरी के जंगलों में आता जाता रहा है. ये हाथी बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान भी पहुंचाते रहे हैं. ये कई घरों को पहले भी तोड़ चुके हैं. उनके हमले में कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है.
हालांकि, हाथियों के इस दल ने इस बार अभी तक किसी भी तरह के जान या माल का नुकसान नहीं किया है. गौरतलब है कि हाथियों के मूवमेंट के हिसाब से जबर्रा सहित कुल 9 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है. इनमें से 6 गांवों को हाई अलर्ट किया गया है. इस अलर्ट का मतलब है कि ग्रामीण बेहद सतर्क रहें और जंगल की तरफ तो बिल्कुल भी न जाएं. धमतरी के जंगलों में भरपूर हरियाली है. साल और सागौन के घने जंगलों के कारण यहां गर्मी भी कम रहती है.
पानी के प्राकृतिक स्तोत्र हैं. ऐसे में हाथियों को भरपूर भोजन, पानी और ठंडा वातावरण मिलता है. इतना ही नहीं, यहां मानवीय परेशानी भी कम है. इस वजह से हाथी सुकून से यहां रहते हैं. यही तमाम कारण हैं कि हाथी धमतरी के जंगलों को पसंद करते है और आते जाते रहते हैं. इंसानों पर हमले की बात हो या गांवों में घुस कर मकानों को तोड़ने की घटना हो, ये तभी होते हैं जब हाथियों को गांवों में रखे महुए या धान की गंध आती है. या फिर कोई इंसान हाथियों के सामने आ जाता है. वरना हाथी खुद कभी इंसानों पर हमले नहीं करते.
भले लोगों को ऐसा लगता है कि हाथियों के कारण जंगल के बड़े पेड़ और हरियाली को नुकसान होता होगा, लेकिन हकीकत ये है कि, जिस जंगल मे हाथी होते हैं वो जंगल और समृद्ध होता है. हाथी दल सौ किलोमीटर के दायरे में अपनी टेरेटरी बनाता है. ये जंगली फल और घास खातें है. उनके मल से निकले बीज के कारण जंगल मे अलग-अलग प्रजाति के पेड़-पौधे पनपते हैं. जंगल मे वनस्पति की विविधता बढ़ती