देश में आधार कार्ड तो लगभग सभी लोगों ने बनवा रखा होगा. शायद ही कुछ ही लोग होंगे, जिन्होंने आधार कार्ड अभी तक नहीं बनवाया होगा. सामान्य आधार कार्ड के अलावा एक ब्लू आधार कार्ड भी होता है. यह भी बनता है. इसे बनवाना भी जरूरी होता है. यह आधार कार्ड क्यों बनता है, किसके लिए जरूरी होता है और न बनवाने में क्या नुकसान हो सकता है. इस खबर में जानें.
एनीसआर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट आधार केन्द्र के प्रभारी अनुज त्यागी बताते हैं, जिस तरह बड़ों का आधार कार्ड बनता है, उसी तरह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का भी आधार कार्ड बनता है. इस आधार कार्ड को ब्लू आधार कार्ड कहते हैं. इसे बनवाना जरूरी होता है.
ब्लू आधार कार्ड बनवाने का तरीका बहुत ही आसान है. पांच वर्ष से कम के बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं होता है. कार्ड में फोटो जरूरत नहीं होती है. बच्चे को आधार केन्द्र ले जाने की आवश्यकता नहीं है.
नवजात या पांच वर्ष से कम बच्चों के आधार कार्ड के लिए केवल बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है.
इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह सर्टिफिकेट केवल नगर निगम का होना चाहिए. यही मान्य है. अस्पताल का बर्थ सर्टिफिकेट मान्य नहीं होता है. इसके साथ ही, परिवार के मुखिया का आधार कार्ड अनिवार्य है. इसमें ध्यान रखने वाली यह बात होती है कि बर्थ सर्टिफिकेट में माता-पिता का वही नाम होना चाहिए, जो आधार में हो. अगर नाम कुछ भी बदलाव है तो आधार कार्ड नहीं बनेगा.
हो सकती है परेशानी
सामान्य रूप में इतने छोटे बच्चे के आधार कार्ड की जरूरत नहीं होती है, लेकिन कभी-कभी अचानक पहचान पत्र की जरूरत होती है. मसलन पासपोर्ट या वीजा बनवाने में जरूरत पड़ती है. उस समय अगर आधार नहीं बना हुआ तो परेशानी हो सकती है. इसलिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे का ब्लू आधार कार्ड समय से बनवा लेना चाहिए.
इस उम्र के बाद अपडेट जरूरी
बच्चों का आधार कार्ड वयस्क होने से पहले दो बार अपडेट कराना अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने से आधार उपयोगी नहीं होगा. पहली बार जब बच्चे की उम्र पांच वर्ष की हो तो उसे आधार केन्द्र ले जाकर बायोमेट्रिक कराना चाहिए और दूसरी बार 15 वर्ष की बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य है.