अब वह दिन दूर नहीं जब भारत और भूटान के बीच ट्रेन दौड़ेगी. इसके लिए दोनों देशों के बीच अहम समझौता हुआ है. प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने शुक्रवार को भूटान का दौरा किया था. पीएम मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भारत और भूटान के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर इनमें रेल संपर्क संबंधी समझौते को अंतिम रूप दिया गया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्ष भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क को लेकर ‘‘सहमति जता चुके हैं और इस संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. समझौता ज्ञापन में भारत और भूटान के बीच दो रेल मार्गों, कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से का प्रावधान किया गया है.
कोकराझार-गेलेफू रेल मार्ग के पहले शुरू होने की संभावना है. असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू के बीच 57.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी. इस रेलवे लाइन के निर्माण पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. पिछले साल अगस्त में विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया था कि भारत और भूटान के बीच रेलवे लिंक का निर्माण शुरू करने के लिए कोकराझार-गेलूफू रूट पर सर्वेक्षण अप्रैल 2023 में पूरा हो चुका है.
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढावा
इस रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू होने से भारत और भूटान के बीच व्यापार और पर्यटन, दोनों को बढ़ावा मिलेगा. असम के लिए तो यह रेल मार्ग संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा. भूटान पर्यटकों के लिए ज्यादा से ज्यादा केंद्र खोलने के लिए बहुत उत्सुक है.
भारत सरकार बिछाएगी लाइन
भूटान के गेलेफू और भारत के असम के कोकराझार को जोड़ने वाले इस 57 किलोमीटर लंबे रेलवे लिंक का निर्माण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा. इस रूट पर ट्रेन का संचालन नार्थ ईस्टर्न फ्रंटियर (एनएफ) रेलवे द्वारा किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि रेलवे लाइन का निमार्ण जल्द शुरू हो जाएगा और 2026 तक यह बनकर तैयार हो जाएगी.