Home देश सुनीता केजरीवाल बनेंगी दिल्ली की सीएम…..मुख्यमंत्री आवास पर हलचल तेज

सुनीता केजरीवाल बनेंगी दिल्ली की सीएम…..मुख्यमंत्री आवास पर हलचल तेज

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल जाने के बाद क्या उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल दिल्ली की अगली सीएम बनने वाली हैं? सुनीता केजरीवाल से मिलने AAP विधायक और दिल्ली सरकार के सभी मंत्री मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. इससे उन्हें दिल्ली का अगला सीएम बनाए जाने की अटकलों को और बल मिल गया. आप से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुनीता केजरीवाल से पार्टी के 55 विधायकों ने मुलाकात की. दिल्ली में पार्टी के कुल 62 विधायक हैं, जिनमें से अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि 4 अन्य विधायक फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं.

सुनीता केजरीवाल से मिलने पहुंचे मंत्रियों में आतिशी मार्लेना, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, इमरान हुसैन, राज कुमार आनंद और कैलाश गहलोत शामिल हैं. इसके अलावा AAP के विधायक प्रमीला टोकस, राजकुमारी ढिल्लों, भावना गौड़ और संजीव झा भी सीएम आवास पहुंच चुके हैं.

बता दें कि आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं के आरोप में सीएम केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. ऐसे में सवाल उठने लगा कि सीएम केजरीवाल जेल से आखिरी कैसे सरकार चलाएंगे. ऐसे में सूत्रों ने बताया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक की पत्नी सुनीता केजरीवाल द्वारा आने वाले दिनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है. उन्होंने रविवार को यहां रामलीला मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कैबिनेट मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप की दिल्ली इकाई के प्रमुख गोपाल राय सहित पार्टी के अन्य नेताओं के भी ‘अधिक सक्रिय’ भूमिका निभाने की संभावना है.

‘दिल्ली में खड़ा हो सकता है संवैधानिक संकट’
इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने दावा किया है कि केजरीवाल सरकार का नेतृत्व करना जारी रखेंगे, चाहे उन्हें कितने भी समय तक जेल में रहना पड़े. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि केजरीवाल की गैरहाजिरी से दिल्ली में शासन पर तुरंत प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद आदर्श आचार संहिता हटने पर चुनौतियां सामने आ सकती हैं.

मौजूदा परिस्थितियों में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के पास 2 ही विकल्प दिखाई देते हैं या तो मुख्यमंत्री इस्तीफा दें और विधायक दल का नया नेता चुना जाए. पार्टी अगर ऐसा नहीं करती है तो फिर संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कुछ दिनों पहले ही साफ किया था कि सरकार जेल से तो नहीं चलेगी.