अखंड नवधा रामायण में उमड़े श्रद्धालु ।
रतनपुर — गिरिजा बंद नवागांव में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री रामचरितमानस अखंड नवधा रामायण का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन विभिन्न मंडलियों द्वारा भगवान श्री राम की संगीत मय कथा की जा रही है ।जिसमें आज संध्या कथाकार शिक्षक दिनेश पांडेय ने श्री राम कथा पर प्रवचन करते हुए भगवान राम पर आधारित विभिन्न प्रसंगों को बहुत ही सरल सहज ढंग से सुनाया। अपने सत्कर्मों से भगवान से जुड़ने का मार्ग बताते हुए ,उन्होंने कहा- भगवान राम को राजगद्दी मिलने वाली थी कि उन्हें 14 वर्षों का वनवास हो गया। जिसे उन्होंने बहुत ही खुशी के साथ स्वीकार किया और भाई भरत के राजा बनने के लिए खुशी जाहिर की। वैसे ही जब भरत को पता चला कि राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ है तो उन्होंने भी राज्य को त्यागकर भगवान राम को मनाने चित्रकूट पहुंच गए। वे चाहते थे कि राम राजा बने। इस मर्यादाओं को मानव जीवन को समझने की जरूरत है ।भाई भाई को कैसे होना चाहिए, जो राज्य को ठुकरा कर भाई को अपना रहे। ऐसे ही हमें भी अपने जीवन में अपनाना चाहिए। आज घर-घर में संपत्ति को लेकर लड़ाई से छिड जाती है ।कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए दिनेश पांडेय ने बताया कि जब भरत चित्रकूट पहुंचे और भगवान राम को मनाने लगे ,अयोध्या वापस चलने के लिए। तब उन्होंने बताया कि जब चारों भाई छोटे थे ।तब श्री राम खेल में भी जानबूझकर हार कर सभी छोटे भाइयों को जिताते थे। तो बड़े भाई ऐसे होते हैं ।तो निश्चित रूप से छोटे भाई भी अपने बड़े भाई के प्रति समर्पित होते हैं। रामायण के पात्रों को समझ कर उसे अपने जीवन में अपनाने की आज जरूर अधिक है। अगर सभी रामचरितमानस पढ़ें ,ध्यान से पढ़ें और सत्संग का मार्ग ग्रहण करें। तो निश्चय रूप से समाज में प्रेम का माहौल होगा ।इसके साथ ही उन्होंने और भी बहुत सुंदर प्रसंग को उदाहरण सहित व्याख्या देकर लोगों को भगवान से जोड़ने का प्रयास किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में दिलीप श्रीवास, बलदेव धीवर प्रभात मंडली के सभी सदस्य एवं गांव के निवासी जुटे हुए।