रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 5 अप्रैल को मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक के बाद भले ही रेपो रेट में कटौती न की हो, लेकिन आम आदमी के रुपये-पैसों से जुड़े काम आसान जरूर कर दिए. गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले तो यूपीआई के जरिये एटीएम में कैश जमा करने की सुविधा का ऐलान किया, फिर खुदरा निवेशकों के लिए ऐप बनाने की बात भी कही. इस ऐप के जरिये आम आदमी सीधे सरकारी बॉन्ड और सिक्योरिटीज में पैसे लगा सकेंगे. यह ऐप काफी सरल और सुरक्षित भी बताया जा रहा है.
गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा, यह रिटेल डायरेक्ट स्कीम ऐप खुदरा निवेशकों और आम आदमी को रिटेल डायरेक्ट स्कीम में सीधे पैसे लगाने का मौका देगा. इससे सरकारी प्रतिभूतियों (G-sec) में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ेगी और उनके लिए सरकारी बॉन्ड तक पहुंचना आसान हो जाएगा. गवर्नर ने कहा, यह सरल, सुलभ, सुरक्षित और सुविधाजनक होगा.
कैसे मदद करेगा यह ऐप
जैसे बाकी इनवेस्टमेंट ऐप होते हैं, उसी तरह से आरबीआई का यह मोबाइल ऐप भी काम करेगा. इसके जरिये निवेशक खरीद-फरोख्त कर सकेंगे. अपने पोर्टफोलियो को मॉनिटर करने के साथ मार्केट के डाटा तक भी उनकी सीधी पहुंच होगी. यूजर अपने स्मार्टफोन या टैबलेट से यह सारी सुविधा ले सकेंगे. रिटेल डायरेक्ट स्कीम ऐप निवेशकों को यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस उपलब्ध कराएगा.
क्या होगा फायदा
एक्सपर्ट का कहना है कि आरबीआई का यह ऐप निवेश के मौजूदा विकल्प रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के मुकाबले ज्यादा सरल होगा. इसके अलावा अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि अगर आरबीआई के ऐप पर ट्रांजेक्शन कॉस्ट अन्य इंटरमीडियरीज के मुकाबले कम रहता है या शून्य रहता है तो निवेशकों को यहां से पैसे लगाने पर अन्य प्लेटफॉर्म के मुकाबले ज्यादा फायदा भी होगा.