छत्तीसगढ़ में हुए 776 करोड़ के घोटाले के मामले में गोपालगंज पुलिस ने पूर्व आईएएस और छत्तीसगढ़ अबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है. भोरे थाना क्षेत्र के सिसई गांव से इनकी गिरफ्तारी हुई है. पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. एसपी ने बताया कि आईटीएस कैडर के पदाधिकारी और छत्तीसगढ़ में अबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव रहे अरुण प्रति त्रिपाठी पर घोटाला का मामला दर्ज है.
छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले प्रकाश पति त्रिपाठी के पुत्र अरुण पति त्रिपाठी 9 माह तक जेल में रहने के बाद बाहर निकले थे और बीते जनवरी माह से ही मोबाइल बंद कर फरार चल रहे थे. छत्तीसगढ़ पुलिस की इनपुट पर गोपालगंज के भोरे थाना क्षेत्र की पुलिस ने सिसई गांव से अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया और इन्हें छत्तीसगढ़ की एसीबी पुलिस को सौंप दिया है. इन पर ईडी का केस है. वहीं, गिरफ्तारी के बाद पूर्व विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे छतीसगढ़ में नई सरकार गठन होने के बाद साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगा रहे हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ 776 करोड़ रुपये की शराब घोटाला का मामला आया था, जिसमें सरकार ने नए सिरे से जांच के लिए एसीबी और ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की. एफआईआर में गोपालगंज के भोरे थाना क्षेत्र के सिसई निवासी और छत्तीसगढ़ के अबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के एमडी अरुण पति त्रिपाठी समेत 70 लोगों को अभियुक्त बनाया था. इसी मामले में अरुण पति त्रिपाठी फरार चल रहे थे और गुरुवार को गोपालगंज पुलिस ने भोरे थाना क्षेत्र के सिसई गांव से गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ की एसीबी पुलिस को सौंप दिया है.