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    ओलावृष्टि से खेतों में बिछी सफेद चादर, फसलें बर्बाद, रो पड़े किसान

    adminBy adminDecember 29, 2021No Comments2 Mins Read
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    भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित जैसलमेर (Jaisalmer) जिले में मंगलवार को बिगड़े मौसम ने रेगिस्तान को बर्फीस्तान बदल दिया. जैसलमेर जिले के पोकरण इलाके के गांवों में जबर्दस्त बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि (Heavy hailstorm) ने खेतों में बर्फ की चादर बिछा दी. पोकरण इलाके के छाया, टोटा, अजासर, बोड़ाना आदि गांवों में सुबह से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ था. आसमान में बादलों के साथ घना कोहरा छा गया. दोपहर बाद जमकर बारिश हुई. बारिश के साथ ओलावृष्टि से चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आने लगी.

    मौसम के इस बिगड़े मिजाज को देखकर किसानों की आंखों में आंसू आ गये. इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में सोमवार को रातभर बादल जमकर बरसे थे. पोकरण इलाके के लाठी कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में मंगलवार को दोपहर में ओलावृष्टि के साथ शुरू हुई हल्की बरसात बाद में झमाझम बारिश में बदल गई. दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुई हल्की बरसात साढ़े तीन बजे तक रुक रुककर जारी रही.

    तेज बारिश से पूरी तरह अंधेरा सा छा गया
    उसके बाद साढ़े तीन बजे बादलों ने अचानक पूरे क्षेत्र में बरसात की रफ्तार बढ़ा दी. इससे एक बारगी तो पूरी तरह अंधेरा सा छा गया. करीब एक घंटे तक इलाके में बादल झमाझम बरसे. बादलों से गांव कि गलियों में पानी भर गया. इससे राहगीरों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

    सुबह से दोपहर तक मौसम ने कई रंग दिखाए
    इससे पहले मौसम ने सुबह से दोपहर तक कई रंग दिखाए. सुबह घना कोहरा छाया रहा. वह 11 बजे के बाद धूप खिलने से छंटा. लेकिन करीब दो घंटे की हल्की धूप के बाद फिर बादल उमड़ आए और तेज हवाएं चलने लगी. इसी बीच करीब ढाई बजे बादल बरसना शुरू हो गए. इसमें मोटी बूंदों के साथ पहले चने के आकार के ओले गिरे. बाद में बरसात ने तेज रफ्तार पकड़ पूरे जिले को तरबतर कर दिया.

    जीरा, ईसबगोल, रायड़ा, गेहूं और चने की फसलों को हुआ नुकसान
    जिले में मंगलवार को हुई ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी जीरा, ईसबगोल, रायड़ा, गेहूं और चने की फसल को काफी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि मावठ कि बारिश किसानों के लिए फायदेमंद है. लेकिन उसके साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों के सपने को चूर-चूर कर दिया है. खेतों में खड़ी फसलों को ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है.

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