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‘दगाबाज रे…’ चुनाव में क्यों बंट जाती है कांग्रेस? महाराष्ट्र में पर्दे के पीछे 3 बार हो चुका कांड

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महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के नतीजे शुक्रवार शाम घोषित हो गए. इस चुनाव में 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे. अंत में किसान मजदूर पार्टी के नेता और राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी प्रायोजित उम्मीदवार जयंत पाटिल हार गए. उसके बाद जयंत पाटिल की हार क्यों और कैसे हुई? हर जगह इसके जवाब की तलाश शुरू हो गई. आखिरकार हार की वजह सामने आई तो सामने आया कि कांग्रेस के लगभग 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी.

सवाल है कि क्या पहली बार महाराष्ट्र में कांग्रेस के वोट बंटे हैं. बता दें कि पिछले ढाई साल में अलग-अलग चुनावों में एक नहीं बल्कि करीब तीन बार कांग्रेस के विधायक टूटे हैं. दरअसल, 2019 के बाद से राज्य की राजनीति में उबाल आने की पूरी संभावना थी. इस दौरान केवल महाराष्ट्र में ही विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में दगाबाजी हुई.

चुनाव में पर्दे के पीछे क्यों बंटते हैं कांग्रेस के वोट?
इसी अवधि में 2022 में विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस का वोट बंट गया और कांग्रेस ने चंद्रकांत हंडोरे और भाई जगताप को मैदान में उतारा. रणनीति यह थी कि हंडोरे को अधिक वोट मिले और भाई जगताप को जीत की गणना के बराबर अतिरिक्त वोट मिले. लेकिन हंडोरे को मिले वोट भाई जगताप को मिले. परिणामस्वरूप, दूसरे स्थान पर रहे जगताप को चुना गया, जबकि हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा.

इस साल कांग्रेस के छह से सात वोट बंटने की आशंका है. पार्टी प्रत्याशी प्रज्ञा सातव को 30 वोटों का कोटा दिया गया। लेकिन वह पहली पसंद से पांच वोट पीछे रह गए. अशोक चव्हाण के साथ रहे तीन-चार विधायकों के वोट कांग्रेस ने नहीं माने. इसके अलावा दोनों नेताओं के घर में वोटों को लेकर भी कांग्रेस नेता सशंकित थे. हम चार-पांच वोटों को लेकर आश्वस्त नहीं थे. लेकिन कांग्रेस ने दो अतिरिक्त वोटों के बंटवारे को गंभीरता से लिया.

कार्रवाई हुई तो विधायक लेंगे महागठबंधन की राह?
प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी है कि दलबदल करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब अगर कांग्रेस को पता चल जाए कि ये दलबदलू विधायक कौन हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो तो चौंकिएगा नहीं. लेकिन, इससे भी आगे अगर कुछ विधायकों पर कार्रवाई हुई तो यह जानकारी सामने आ रही है कि उन्हें महायुति के नेताओं ने शरण दे रखी है. संभावना है कि संबंधित विधायकों को महायुति द्वारा विधानसभा के लिए मनोनीत किया जायेगा.