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कांग्रेस खत्म कर देगी आरक्षण…..अमेरिका से सामने आया राहुल गांधी का ‘द एंड’ वाला प्लान…मगर रख दी यह शर्त

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वाशिंगटन: विधानसभा चुनाव आते ही एक बार फिर आरक्षण का जिन सामने आ गया है. इस बार राहुल गांधी ने अमेरिका में बैठकर आरक्षण को लेकर अपना प्लान बताया है. राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस आरक्षण खत्म कर सकती है, मगर इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है. वह है निष्पक्षता यानी समानता. दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी और अभी ऐसा नहीं है. राहुल गांधी ने प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही.

वाशिंगटन में यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राहुल से आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा. इस पर उन्होंने कहा, ‘जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे. अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है.’ राहुल गांधी ने कहा, ‘जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं. दलितों को 100 रुपये में से पांच रुपये मिलते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को भी लगभग इतने ही पैसे मिलते हैं. सचाई यह है कि उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है.’

राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘समस्या यह है कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी भागीदारी करने में सक्षम नहीं है. भारत के हर एक ‘बिजनेस लीडर’ की सूची देखें. मैंने ऐसा किया है. मुझे आदिवासी नाम दिखाओ. मुझे दलित नाम दिखाओ. मुझे ओबीसी नाम दिखाओ. मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है. वे भारत की आबादी का 50 प्रतिशत हैं. लेकिन हम बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यही समस्या है अब, यह (आरक्षण) एकमात्र साधन नहीं है अन्य साधन भी हैं.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘ऐसे कई लोग हैं जो उच्च जाति से आते हैं, जो कहते हैं कि देखो, हमने क्या गलत किया है? हमें क्यों दंडित किया जा रहा है? तो, फिर आप इनमें से कुछ चीजों की आपूर्ति में नाटकीय रूप से वृद्धि के बारे में सोचते हैं. आप सत्ता के विकेंद्रीकरण के बारे में सोचते हैं. आप हमारे देश के शासन में कई और लोगों को शामिल करने के बारे में सोचते हैं. मैं पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगा कि मुझे नहीं लगता कि आप में से कोई भी कभी भी अदाणी या अंबानी बनने जा रहा है. इसका एक ही कारण है. आप नहीं बन सकते क्योंकि इसके लिए दरवाजे बंद हैं. इसलिए सामान्य जाति के लोगों को जवाब है कि आप उन दरवाजों को खोलें.’

समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि वह इस पर तभी टिप्पणी करेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रस्ताव क्या है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव कर रही है. हमने इसे नहीं देखा है. हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं. हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है. जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों में मतभेद हैं, लेकिन वे कई बातों पर सहमत भी हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम सहमत हैं कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए. हममें से अधिकांश जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं. हम सहमत हैं कि दो उद्योगपति, यानी अदाणी और अंबानी को ही भारत में हर एक व्यवसाय नहीं चलाना चाहिए. इसलिए, आपका यह कहना कि हम सहमत नहीं हैं, मुझे लगता है, गलत है.’ राहुल ने कहा, ‘दूसरी बात यह है कि सभी गठबंधन में थोड़े बहुत मतभेद हमेशा होते रहेंगे. यह पूरी तरह से स्वाभाविक है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हमने कई बार सरकारें चलाई हैं जो गठबंधन के साथ सफल रही हैं। इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि हम ऐसा दोबारा कर सकते हैं.’