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छात्रावास में एक घंटा देरी से खाना मिलने पर सस्पेंड किए गए अधीक्षक ने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग की

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सिलेण्डर का गैस खत्म होने से छात्रावास में बच्चों को एक घंटा देरी से मिला था खाना

शराबी रसोइया के कारण अधीक्षक पर भी गिरी थी गाज

पेण्ड्रा / 03 सितम्बर को शाम 6 बजकर 03 मिनट पर बालक आश्रम नेवरी के रसोईया ने अधीक्षक को मोबाइल फोन पर सिलेण्डर का गैस खत्म होने का सूचना दिया। इसके बाद अधीक्षक ने सिलेण्डर का व्यवस्था किया। इसके कारण बच्चे रात 7.30 तक खाना नहीं खा पाए बल्कि वो एक घंटा देरी से 8.30 बजे खाना खाए। इस दौरान गैस खत्म होने की सूचना अधीक्षक को देने के बाद रसोईया अपने घर जाकर शराब पीने लगा और भोजन का समय होने के कारण बच्चे उसे ढूंढते हुए उसके घर चले गए। रसोईया को नशे में और बच्चों को भूखा देख ग्रामीणों ने तत्काल प्रशासन से शिकायत कर दिया। जिसके बाद कार्यवाही कर रसोईया को सहायक आयुक्त ने सस्पेंड कर दिया, वहीं छात्रावास अधीक्षक को कलेक्टर द्वारा सस्पेंड कर दिया गया। अब इस मामले में सस्पेंड अधीक्षक ने कलेक्टर को आवेदन पत्र देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराकर उसे भी अपना पक्ष रखने का अवसर देने का निवेदन किया है।

मामला गौरेला विकासखण्ड के आदिवासी बालक आश्रम नेवरी का 03 सितम्बर का है। वहां के प्रभारी अधीक्षक सुशील घृतलहरे को स्वास्थगत कारणों से छात्रावास से पृथक कर प्राथमिक शाला नेवरी के प्रधान पाठक रतिलाल भानू को ढाई माह पहले जून में छात्रावास का प्रभारी अधीक्षक बनाया गया था। 03 सितम्बर को रतिलाल भानू सूचना पंजी में लिखकर आदिवासी आश्रम में ही कार्यरत आकस्मिक निधि चतुर्थ श्रेणी कर्मी रसोईया राजेश कंवर को देखरेख की जिम्मेदारी सौंपकर आश्रम के काम से गौरेला गया हुआ था।

इस बीच शाम 6.03 बजे मोबाइल फोन पर उसे सूचना मिली कि खाने पकाते समय सिलेण्डर का गैस खत्म हो गया है। जिसके बाद रतिलाल भानू सिलेण्डर का व्यवस्था बनवाया, जिससे रात 8.30 बजे तक भोजन पकाकर बच्चों को खिला दिया गया।

लेकिन इस बीच सिलेण्डर का गैस खत्म होने की सूचना देने के बाद लापरवाह रसोईया राजेश कंवर अपने घर शराब पीने चला गया था। इस बीच आश्रम के बच्चे रसोईया को ढूंढते हुए उसके घर चले गए। आश्रम के बाहर बच्चों को देखकर वहीं सामने रहने वाले एक ग्रामीण ने बच्चों से खाना के सम्बन्ध में पूछा तो बच्चों ने बताया कि खाना नहीं खाए हैं तो उसने इसकी जानकारी सरपंच को दी। जब सरपंच आश्रम आए तब रसोईया राजेश कंवर शराब के नशे में मिला, जिसका नशे में होने का वीडियो बनाकर और बच्चों के भूखे होने की शिकायत तत्काल जिला प्रशासन से की गई। कुछ ही समय में अधीक्षक रतिलाल भानू ने पहुंचकर सिलेण्डर का व्यवस्था किया, जिसके बाद भोजन पकाकर 8.30 तक बच्चों को खाना खिला दिया गया।

लेकिन तब तक बच्चों के भूखे होने और रसोईया राजेश कंवर के शराब के नशे में होने का मामला इतना तूल पकड़ चुका था कि कलेक्टर ने प्रभारी अधीक्षक रतिलाल भानू और सहायक आयुक्त ने चतुर्थ श्रेणी कर्मी रसोईया राजेश कंवर को सस्पेंड कर दिया।

इस मामले में सस्पेंड अधीक्षक रतिलाल भानू ने छात्रावास के पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मी राजेश कंवर पर अपने खिलाफ षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है। क्योंकि पड़ोस में रहने वाले उस व्यक्ति के द्वारा अधीक्षक पर खिलाने पिलाने दबाव बनाया जाता था, जिसे अधीक्षक द्वारा नहीं माना गया था, क्योंकि अधीक्षक रतिलाल भानू शराब नहीं पीते हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रशासन से यह झूठी शिकायत भी की गई कि भूख से तड़पते बच्चों को रात में 9 बजे ग्रामीणों ने खाना खिलाया। जबकि हकीकत यह है कि बच्चे छात्रावास में बना खाना रात 8.30 बजे तक खा लिए थे।

बता दें कि अधीक्षक कुछ ग्रामीणों के निशाने पर थे जिन्हें पूर्व अधीक्षक से खाने पीने का जुगाड़ हो जाता था, जबकि रतिलाल भानू के अधीक्षक बनने के बाद भानू ने उन ग्रामीणों को खिलाने पिलाने से साफ तौर पर मना कर दिया था।