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कुछ तो करना ही होगा…’, दिवाली में पटाखा बैन पर केंद्र ने कही ऐसी बात, सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी दिल्ली सरकार की क्लास

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पटाखों को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को खूब फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय बेंच ने सवाल किया, ‘अखबारों में बड़े पैमाने पर खबरें आ रही हैं कि पटाखों पर प्रतिबंध लागू नहीं हुआ. दिल्ली सरकार की ओर से कौन पेश हो रहा है? दिल्ली सरकार जवाब दे कि यह बैन क्यों सख्ती से लागू नहीं किया गया?’ इस बेंच में जस्टिस ओका के अलावा जस्टिस ऑगस्टीन मसीह भी शामिल थे.

उधर केंद्र की ओर से पेश एएसजी ने कहा कि ‘हां, पूरी तरह उल्लंघन हुआ है. इस पर जस्टिस ओका ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार तुरंत जवाब दे कि ऐसा क्यों हुआ. हम साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी नोटिस जारी करेंगे कि अनुपालन क्यों नहीं हो रहा है? हमें ये तुरंत सुनना होगा. असली समस्या यह है कि यह सब वायु निवारण अधिनियम, 1981 के तहत है, जिसमें इस वर्ष संशोधन के बाद केवल दंड का प्रावधान है.’

जस्टिस ओका से सख्त लहजे में कहा, ‘कुछ तो करना ही होगा. या तो जो लोग प्रतिबंध के बावजूद पटाखे बेच रहे हैं, उनके परिसर को सील किया जाना चाहिए. हम इस पर गौर करेंगे.’

इस केस में एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) ने कहा कि एक रिपोर्ट में बताया गया था कि दिवाली के दिन प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी हुई थी. प्रदूषण का प्रतिशत 10 प्रतिशत से 27 प्रतिशत हो गया. एमिकस क्यूरी ने कहा कि इस साल दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर 2022 और 2023 की तुलना में अधिक था. इस बार लॉर्डशिप पहले से ही इससे निपट रहे थे, लेकिन फिर भी ऐसा हुआ.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से हलफनामा देने को कहा है कि आखिर पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध क्यों नही लगाया गया. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस ओका ने कहा कि लोग दूसरे राज्यों से पटाखे ला रहे हैं. दिवाली से पहले जन अभियान चलाना होगा, जनता में समझ की कमी है. एक सप्ताह के भीतर दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर जवाब दें.

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा से भी हलफनामा देने को कहा है. कोर्ट ने दोनों राज्यों से पूछा कि, ‘अंतिम 10 दिनों में पराली जलाने से संबंधित कितनी घटनाएं सामने आई है?’ कोर्ट ने उन्हें 13 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा.