रेलवे स्टेशनों और परिसर के आसपास में अगर कोई उल्टा सीधा कांड करता है तो खैर नहीं होगी. भीड़ में भी हो पहचान हो जाएगी. भारतीय रेलवे देश में पहली बार फेस रिकगनीशन कैमरे का इस्तेमाल करने जा रहा है. ये कैमरे प्रयागराज में लगाए जा रहे हैं. अगले साल होने वाले कुंभ में इन कैमरों का पायलट प्रोजेक्ट किया जाएगा. सफल होने पर देश के अन्य स्टेशनों पर इस तकनीक वाले कैमरे लगाए जाएंगे. इससे सुरक्षा बेहतर होने के साथ यात्रियों को भी सुविधा होगी.
रेल मंत्रालय के अनुसार प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा पुख्ता की जा रही है. इसके लिए लगभग 650 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. साथ ही 100 एफआर (फेस रिकगनीशन कैमरे) कैमरे भी लगाए जाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है. प्रयागराज शहर में आने वाले सभी 9 रेलवे स्टेशनों के आने जाने के मार्गों, वेटिंग हाल, प्लेटफार्मों पर कैमरों से नजर में रखी जाएगा. रेलवे स्टेशनों पर ये सुरक्षा के सभी उपकरण दिसंबर के अंत लगा दिए जाएंगे और महाकुंभ की शुरुआत से पहले यानी जनवरी चालू हो जाएंगे.
रेल मंत्रालय के अनुसार श्रद्धालुओ और पर्यटकों के लिए महाकुंभ को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रयागराज रेल डिवीजन सुरक्षा के इंतजामों के साथ एआई बेस्ड एफआर कैमरे भी लगा रहा है. फेस रिकगनीशन या एफआर कैमरे एआई तकनीक की मदद से फेस रिकगनीशन में सक्षम होंगे. ये आसनी से संदिग्धों को भीड़ में भी पहचान कर तलाश लेते हैं, जिससे भीड़ में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों या भगदड़ जैसी स्थिति को बनने से पहले काबू किया जा सकता है. एफआर कैमरे किसी भी असमान्य घटना को आसानी से पकड़ सकते हैं, जिससे उन पर तत्काल कार्रवाई कर हादसों को रोका जा सकता है.
इन स्टेशनों पर लगेंगे एफआर कैमरे
प्रयागराज रामबाग, प्रयाग जंक्शन, प्रयागराज संगम, दारागंज, सुबेदारगंज, बमरौली, झुंसी, नैनी जंक्शन, प्रयागराज छिवकी स्टेशन.