रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है. पीड़ित छात्रों ने जब इसकी शिकायत नेशनल मेडिकल काउंसिल में की तो फिर इस मामले में 2 छात्रों को निलंबित किया गया है. रायपुर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस फर्स्ट इयर के करीब 50 छात्रों के साथ रैगिंग हुई है. राज्य के सबसे पहले और सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज के 50 छात्रों के सिर सीनियर स्टूडेंट्स ने मुंडवाए और उन्हें थप्पड़ भी मारे. यहीं नहीं जूनियर लड़कियों को सिर पर खास तरह का तेल लगाकर आने कहा गया. WhatsApp पर उनकी फोटो भी मंगाई गई.
परेशान होकर इसकी शिकायत स्टूडेंट्स ने नेशनल मेडिकल काउंसिल से की है. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया में कई जिम्मेदार पद के लोगों को भी पोस्ट पर टैग किया है. इसके बाद नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम इस केस पर एक्टिव हुई. इसके बाद रायपुर मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने 2 सीनियर छात्रों को 10 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है.
2 छात्रों को किया गया था सस्पेंड
छात्रों ने इस मामले को लेकर एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में शिकायत की थी. इसके आधार पर 4 अक्टूबर को कॉलेज प्रबंधन की बैठक हुई और रैगिंग के मामले में एमबीबीएस के 2 छात्र को निलंबित किया है. इस मामले में कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि मामले को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है. सभी क्लासेस में रैगिंग के खिलाफ सख्त हिदायत दी जा रही है. साथ ही उन्हें कहा गया है कि अगर ऐसे कोई परेशान करता है तो अपने कॉलेज फैकल्टी को इसकी जानकारी दें.
इस मामले में एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस के 2023 बैच के 2 स्टूडेंट्स को दोषी पाया है. दोनों को 10-10 दिन के लिए निलंबित तो कर दिया गया, लेकिन इस निलंबन के दौरान 5 दिनों की छुट्टी भी थी. अब इसे लेकर सवाल भी उठ रहे है. अपनी शिकायत में छात्रों ने बताया कि न्यू एडमिशन लेने वाले छात्रों को स्कूल ड्रेस जैसे कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया जाता है. एक मोनोक्रोम शर्ट, एक ही रंग की पैंट, स्कूल के जूते और साइड बैग उनका ड्रेस कोड होता है. कॉलेज के अलावा हॉस्टल में भी सीनियर्स मारपीट करते है और उन्हें मानसिक रूप से टॉर्चर किया जाता है. वहीं लड़कियों के साथ भी गलत व्यवहार किया जाता है.