एक तरफ जहां सस्ते इंटरनेट डाटा और टैरिफ की बात चल रही है, वहीं वोडाफोन आइडिया के अधिकारी ने ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर यूजर्स भड़क उठेंगे. मोबाइल कंपनियों ने कुछ महीने पहले ही टैरिफ में करीब 25 फसीदी की बढ़ोतरी की है, बावजूद इसके कंपनियों को अभी और टैरिफ बढ़ाने की जरूरत दिख रही है. अब दूरसंचार शुल्क (टैरिफ) में और बढ़ोतरी की वकालत करते हुए वोडाफोन आइडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि डेटा का अधिक उपभोग करने वाले ग्राहकों से ज्यादा शुल्क वसूला जाना चाहिए.
वोडा आइडिया के अधिकारी ने कहा कि जो यूजर ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, उनसे अधिक शुल्क वसूलने से मोबाइल सेवा उद्योग को उचित रिटर्न मिल सकेगा और समाज के सभी वर्गों को ‘कनेक्टिविटी’ सुनिश्चित हो सकेगी. इससे पहले भी वोडा आइडिया के अधिकारी ने कंपनियों के घाटे को पूरा करने की वकालत की थी.
कंपनी के घाटे का दिया हवाला
वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) की 30 सितंबर, 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा के दौरान कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा ने कहा था कि हालिया शुल्क बढ़ोतरी के कारण बीएसएनएल को होने वाला ग्राहकों का नुकसान सरकारी दूरसंचार कंपनी के ‘नेटवर्क अनुभव’ के कारण अब पलट रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायरलेस क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां कंपनियों को अपने घाटे से उबरने के बारे में सोचना चाहिए.
निवेश और कनेक्टिविटी दोहरी जरूरत
मूंदड़ा ने कहा कि जहां एक तरफ नई तकनीक के उभार का समर्थन करने और डेटा विकास का समर्थन करने के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता है, वहीं दूसरी तरफ समाज के सभी वर्गों को संपर्क या कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए शुल्क सामर्थ्य को बनाए रखने की भी जरूरत है. लिहाजा कंपनियों को अब दोहरे मोर्चे पर काम करने की जरूरत है.
यूजर को करना चाहिए ज्यादा भुगतान
वोडा आइडिया के अधिकारी ने बताया कि कंपनियों के लिए यह तभी संभव हो सकेगा जब अधिक डाटा का उपयोग करने वाले ग्राहक ज्यादा पैसों का भुगतान करेंगे. इससे उद्योग को किए गए बड़े निवेश पर उचित रिटर्न मिल सकेगा. लिहाजा उद्योग को अपनी पूंजी की लागत वसूलने के लिए शुल्कों को और अधिक तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता है.