भारत के शेयर बाजारों में बीते कुछ समय से जारी गिरावट और चीन के शेयर बाजार में थोड़ी तेजी के बीच कई तरह के सवाल उठ रहे थे. कहा जा रहा था कि विदेशी निवेशक चीन की ओर रुख कर सकते हैं. इस बीच दुनिया के जाने-माने एफआईआई और दिग्गज ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) ने चीन की अर्थव्यवस्था और निवेशकों की बढ़ती चिंताओं का हवाला देते हुए भारत से चीन की ओर अपने पिछले कदम को वापस लेने का फैसला किया है. ऐसे में विदेशी निवेशकों के भारत वापस लौटने की उम्मीदें और बढ़ गई है.
सीएलएसए का यह बदलाव हाल के महीनों में भारत से फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) की ओर से 1.2 लाख करोड़ रुपये निकालने के बाद आया है. एफआईआई के कदम से बीते दिनों में भारत के शेयर बाजारों में बिकवाली देखी गई.
‘ट्रंप 2.0’ के बाद चीन को लेकर आउटलुक और कमजोर
सीएलएसए ने अपने नोट में कहा है कि चीन के शेयर बाजार को कई झटकों का सामना करना पड़ा है. ब्रोकरेज फर्म का इशारा ट्रेड वॉर की ओर है. विशेष रूप से ‘ट्रंप 2.0’ के बाद चीन को लेकर आउटलुक और कमजोर हुआ है. इससे चीन की हालत और खराब होगी, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था निर्यात पर टिकीं है.
NPC का राहत पैकेज में ग्रोथ बढ़ाने वाला नहीं
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि चीन के नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) की ओर से जारी किए गए राहत पैकेज में कोई बड़ी राहत दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में इससे कोई खास फायदा नहीं मिलने वाला है. एनपीसी का राहत पैकेज रिस्क को कम कर सकता है लेकिन ग्रोथ बढ़ाने वाला नहीं है.