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आपका वोटर ID कार्ड कौन चेक कर सकता है, क्या पुलिसवाले बुर्का हटाकर कर सकते हैं चेकिंग? जान लीजिए नियम

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उत्तर प्रदेश उपचुनाव में 9 विधानसभा सीटों पर आज यानी 20 नवंबर को वोटिंग हो रही है. मगर बुर्का-हिजाब, नकाब और घूंघट को लेकर वोटिंग से पहले बवाल मच गया है. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और भाजपा आमने-सामने हो गई है. एक ओर समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम महिलाओं की बुर्का हटाकर चेकिंग न किए जाने की मांग की है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के गिरिराज सिंह ने कहा कि वोटिंग करने वाले हर मतदाता की पहचान होनी ही चाहिए. अब यह मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच चुका है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि राज्य की 9 विधानसभा सीटों पर सुबह सात बजे से ही वोटिंग जारी है.

दरअसल, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी चुनाव आयोग के द्वार पहुंच गई है. समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख मांग की है कि बुर्का हटाकर मुस्लिम महिलाओं की चेकिंग न की जाए. इसमें कहा गया है कि अगर मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर वोटिंग करने जाती हैं तो पुलिसकर्मी उनकी बुर्का हटाकर चेकिंग न करे. समाजवादी पार्टी का कहना है कि वोटिंग के दौरान पुलिस के पास वोटर का पहचान पत्र जांच करने का अधिकार न हो. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एक वोटर का आईडी कार्ड कौन चेक कर सकता है? क्या महिलाओं के बुर्का पुलिसवाले हटवा सकते हैं? इसे लेकर चुनाव आयोग का नियम क्या कहता है?

क्या कहता है चुनाव आयोग का नियम
चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक, वोटिंग से पहले हर मतदाता का वेरिफिकेशन जरूरी है. फर्जी वोटिंग से बचने के लिए हर वोटर की पक्की पहचान सुनिश्चित होने के बाद ही उसे वोट डालने दिया जाता है. चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त निर्वाचन अधिकारी वोटर का आईडी कार्ड देखकर पहचान सुनिश्चित करते हैं. चुनाव आयोग का नियम यही है कि आपके वोटर आईडी कार्ड केवल निर्वाचन अधिकारी या पीठासीन अधिकारी ही चेक कर सकते हैं. हालांकि, संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस या फिर सुरक्षाकर्मी भी वोटर का आईडी कार्ड चेक कर सकता है.

पोलिंग एजेंट कर सकते हैं चेक?
बूथ पर मौजूद अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के पोलिंग एजेंट भी किसी वोटर का आईडी कार्ड नहीं चेक कर सकते हैं. हालांकि, यह जरूर है कि शक होने पर वह निर्वाचन अधिकारी से कहकर या सवाल उठाकर वोटर आईडी कार्ड चेक जरूर करवा सकता है. पोलिंग एजेंट मतदान में फर्जीवाड़े को रोकने या अलर्ट करने के लिए ही होते हैं. पुलिस या सुरक्षाकर्मी भी वोटर का आईडी कार्ड नहीं चेक कर सकते हैं. वे भी केवल संदेह होने पर ही सुरक्षा के लिहाज से चेक कर सकते हैं.

पुलिसवाले नहीं कर सकते है वोटर कार्ड चेक
हालांकि, चुनाव आयोग ने दिशानिर्देश जारी कर स्थिति साफ कर दी है. यूपी निर्वाचन आयोग के अफसरों ने साफ-साफ कहा है कि पुलिसकर्मी या सुरक्षाकर्मी का काम केवल सुरक्षा-व्यवस्था और शांति व्यवस्था देखना होता है. वे किसी भी वोटर का आईडी कार्ड चेक नहीं कर सकते हैं. पुलिसवाले किसी महिला का बुर्का हटाकर भी चेहरे का वोटर आईडी कार्ड से मिलान नहीं कर सकते हैं. पुलिसवाले या सुरक्षाकर्मी पहचान पत्र भी चेक नहीं कर सकते हैं. किसी भी वोटर के पहचान पत्र की चेकिंग का अधिकार केवल पोलिंग अफसर के पास ही होता है. पोलिंग स्टाफ या पीठासीन अधिकारी ही वोटर कार्ड चेक कर सकते हैं.

बुर्का हटाकर महिला वोटर की हो सकती है चेकिंग?
अब सवाल है कि क्या बुर्का हटाकर मुस्लिम महिला की चेकिंग हो सकती है? तो इसका सीधा जवाब है कि हां. किसी भी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए या संदेह की स्थिति में पोलिंग अफसर बुर्का हटाकर भी चेहरा चेक कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए महिला पोलिंग स्टाफ का होना अनिवार्य है. साथ ही धार्मिक संवेदनशीलता और गोपनीयता का भी ख्याल रखना होता है. मगर यह बात तो तय है कि पुलिसवाले या कोई सुरक्षाकर्मी किसी भी कीमत पर बुर्का हटाकर महिलाओं का चेहरा चेक नहीं कर सकते हैं.