*RBI, भारतीय सेना जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से भी जुड़े हैं देश के जाने माने साइबर कंसल्टेंट और ट्रेनर डॉ रक्षित टंडन*
*GPM Police के फेसबुक पेज पर साइबर की पाठशाला कार्यक्रम में लाइव जुड़कर नेटीजन्स को बताए साइबर हाइजीन और साइबर पेरेंटिंग टिप्स*
*साइबर की पाठशाला में 10 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों हेतु आयोजित किया गया विशेष जागरूकता कार्यक्रम*
जिले के नेटीजन्स हेतु साइबर संबंधी पेरेंटिंग, बच्चों के ऑनलाइन प्रोटेक्शन और इंटरनेट पर सर्फिंग के दौरान बच्चों को होने वाले खतरों के विषय पर GPM Police के फेसबुक पेज पर एसपी आईपीएस भावना गुप्ता द्वारा आज दिनांक 5 दिसम्बर को एक विशेष लाइव प्रशिक्षण सत्र का आयोजन *साइबर की पाठशाला कार्यक्रम* के तहत किया गया। इस विशेष लाइव सत्र का आयोजन 10 वर्ष से 18 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को ध्यान में रखकर किया गया जिसमे जिले के कई विद्यालयों के प्राचार्य शिक्षकों और छात्रों समेत अभिभावकों को ऑनलाइन जोड़ा गया।
*परिचय डॉ रक्षित टंडन*
जिला एसपी भावना गुप्ता के प्रयासों से इस विशेष लाइव सत्र में डॉ रक्षित टंडन को साइबर वर्ल्ड में सर्फिंग के दौरान बच्चों से जुड़े खतरों और सुरक्षित सर्फिंग टिप्स विषय पर जोड़ा गया। डॉ रक्षित टंडन देश के जाने माने साइबर कंसल्टेंट और ट्रेनर हैं तथा अभियान स्तर पर बच्चों के ऊपर मोबाइल और इंटरनेट के दुष्प्रभावों के विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने की दिशा में प्रयासरत हैं।
*साइबर हाइजीन और बच्चों के मस्तिष्क हेतु साइबर डाइट का रखें ध्यान*
लाइव सत्र के दौरान डॉ रक्षित टंडन ने बच्चों से ऑनलाइन गेमिंग और मोबाइल पर गेम्स खेलने के दौरान होने वाली गलतियों के बारे में बात की, उन्होंने जब बच्चों से कौन सा गेम खेलते हो पूछा और उस गेम को सबके सामने गूगल प्ले स्टोर पर दिखाया तो सभी दंग रह गए क्योंकि उस गेम के लिए एक आयु सीमा निर्धारित थी जिसका ध्यान किसी ने नहीं रखा। साथ ही कई गेम्स का जिक्र किया जिनसे बच्चों के मन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर भी चर्चा की। फ्री गेम्स के चक्कर में फेक .apk file download करने से बचने भी हिदायत दी। साइबर हाइजीन पर बात करते हुए उन्होंने आगे सभी बच्चों से गेम खेलने के दौरान और डाउनलोड करने के दौरान कई बार दिखने वाले आपत्तिजनक वीडियो पर भी बात की तथा शिक्षकों अभिभावकों से बच्चों के मन मस्तिष्क को मिलने वाली ऑनलाइन डाइट पर भी ध्यान रखने सलाह दी।
*बच्चों ने पूछे डॉ रक्षित टंडन से अहम सवाल*
जिला जीपीएम के आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल सेजस से आठवीं की छात्रा आकांक्षा और गौरेला मां कल्याणिका स्कूल के ग्यारहवीं के छात्र मयंक ने साइबर फिशिंग से बचने के तरीके के बारे में पूछा तथा ऐसे ऐप्स और लिंक के बारे में पूछा जिन पर कोई ऐप और लिंक के सुरक्षित होने या खतरनाक होने को चेक किया जा सकता है तो डॉ रक्षित टंडन ने बच्चों को बताया कि फिशिंग लिंक्स में न फंसे और फेक.apk फाइल से बचने के लिए ऐसे ऐप और लिंक की जांच करने www.virustotal.com पर ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करते हुए कुछ फेक लिंक्स के खतरों और मालवेयर को भी दिखाया। साथ ही www.sancharsathi.gov.in के बारे में भी बताया। डायल 1930 की उपयोगिता और www.cybercrime.gov.in
पर जाकर रिपोर्टिंग करने और स्वयं को प्रशिक्षित करने के लिंक्स को भी ऑनलाइन दिखाया गया। सेजस इंग्लिश मीडियम स्कूल के ही आठवीं के छात्र आर्यन ने पूछा क्या हैकर्स मोबाइल या लैपटॉप का वेब कैमरा फ्रंट कैमरा भी हैक कर सकते हैं तो डॉ रक्षित टंडन ने बताया कि कुछ ऐसे हैकर्स हैं जो ये करते हैं इसलिए वेब कैमरा जब इस्तेमाल में नहीं हो तब वेब कैम कवर लगाने सलाह दी तथा कुछ ऑनलाइन प्रोडक्ट्स भी स्क्रीन पर साझा किए।