आप भी नौकरी की तलाश में हैं और यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर किस सेक्टर में आपको जॉब देखनी चाहिए तो यह रिपोर्ट काफी काम आ सकती है. नौकरियों पर नजर रखने वाली फाउंडइट इनसाइड ट्रैकर (फिट) की रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल दिसंबर में देश में भर्ती गतिविधियों में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सबसे ज्यादा नौकरियां उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण और निर्माण एवं इंजीनियरिंग क्षेत्रों से पैदा हुई हैं. लिहाजा युवाओं को इन क्षेत्रों में जॉब खोजने के लिए तैयारी करनी चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में देश की भर्ती गतिविधियों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दिसंबर में भर्ती गतिविधियों में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. फिट एक व्यापक मासिक रिपोर्ट है जो फाउंडइट.इन द्वारा नौकरी को लेकर सूचना के बारे में ऑनलाइन गतिविधि का विश्लेषण करती है. रिपोर्ट में वैसे तो सभी क्षेत्रों में नौकरियां बढ़ने की बात कही गई है, लेकिन कुछ ऐसे सेक्टर हैं, जहां सबसे ज्यादा तेजी दिख रही है.
किस सेक्टर में सबसे ज्यादा जॉब
रिपोर्ट में कहा गया है कि भर्ती में वृद्धि सभी क्षेत्रों में परिलक्षित होती है, जिसमें उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में 60 फीसदी, विनिर्माण और निर्माण में 57 फीसदी और इंजीनियरिंग में 57 फीसदी की जबरदस्त तेजी दिख रही है. इसके अलावा भारत में कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित नौकरियां पिछले दो वर्षों में 42 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,53,000 पदों तक पहुंच गई हैं.
एआई ने 2 साल में पकड़ लिया ट्रैक
फाउंडइट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वी सुरेश कहा कहना है कि विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियों में वृद्धि भारत के रोजगार बाजार की मजबूती, अनुकूलनशीलता और गतिशीलता को रेखांकित करती है. विशेष रूप से रोमांचक बात यह है कि केवल दो वर्षों में एआई में 42 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई है, जो अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण चालक के रूप में एक कौशल के परिवर्तन को दर्शाती है.
2025 में भी बढ़गा रोजगार
सुरेश ने बताया कि साल 2025 में भी एआई की भर्ती में 14 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि हो सकती है. इस लिहाज से हम एक प्रतिमान में बदलाव देख रहे हैं, जहां एआई अब एक भविष्य की अवधारणा नहीं है, बल्कि भारत के वर्तमान और भविष्य के कार्यबल का एक बुनियादी तत्व है. देश में एआई का विकास होने के साथ ही इसमें नौकरियों का भी विकास होगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. इससे यह अवधारणा भी खत्म होती है कि एआई के आने से नौकरियां कम हो जाएंगी.