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भूकंप हो या लैंडस्लाइड…अब पहले ही मिल जाएगा अलर्ट,बाढ़ और भूस्खलन से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सकेगा.

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भूकंप और तूफान का अकैट इस राज्य पर होता रहता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा! दरअसल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ‘KaWaCHaM’ नाम एक नया और तेज मौसम अलर्ट सिस्टम लॉन्च किया है. यह सिस्टम खासतौर पर बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं के टाइम, लोगों को बचाने के प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है.

क्यों जरूरी माना जा रहा है इसे?
2018 की बाढ़ और पिछले साल हुए वायनाड भूस्खलन जैसी घटनाओं के बाद, केरल में हर साल क्लाइमेट इमरजेंसी की स्थिति बनती है. इन आपदाओं में कई लोगों की जान चली जाती है. इसलिए, KaWaCHaM सिस्टम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

क्या है KaWaCHaM?
KaWaCHaM का मतलब है “केरल वार्निंग्स क्राइसिस एंड हैजर्ड्स मैनेजमेंट सिस्टम”. मलयालम में ‘कवचम’ का मतलब होता है ‘ढाल’, जो सुरक्षा का प्रतीक है. यह सिस्टम अलर्ट, सायरन और वैश्विक मौसम मॉडल को जोड़कर राज्य की आपदा तैयारी और सार्वजनिक सुरक्षा को बेहतर बनाता है.

इस सिस्टम को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और वर्ल्ड बैंक के फंड से तैयार किया गया है. यह सिस्टम केरल के सभी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को एक फ्रेमवर्क में तैयार करता है. इसमें खतरे का आकलन, अलर्ट जारी करना और खतरे के स्तर के अनुसार काम करने की योजना बनाना शामिल है.

इस परियोजना के तहत 126 सायरन और स्ट्रोब लाइट्स को ऊंची इमारतों, सरकारी भवनों और स्कूलों पर लगाया जाएगा. सिस्टम में पहले से रिकॉर्ड किए गए वॉयस मैसेज और ऑडियो अलर्ट शामिल होंगे जो विभिन्न चेतावनियां देंगे.

कैसे करेगा मदद?
KaWaCHaM सिस्टम राज्य के सभी संवेदनशील क्षेत्रों को कवर करेगा और तालुक यानी उपजिला स्तर पर काम करेगा. यह सिस्टम समुद्री हमलों, भारी बारिश, तेज हवाओं और अत्यधिक गर्मी जैसी आपदाओं के लिए चेतावनी देगा.

सोशल मीडिया से लेंगे मदद
बता दें कि, राज्य सरकार व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर और गूगल एपीआई जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर अलर्ट लागू करने की योजना बना रही है. इस सिस्टम में तीन रंगों वाली स्ट्रोब लाइट्स (लाल, पीला और नारंगी) और आठ लाउडस्पीकर होंगे. ये सायरन 1200 मीटर तक चेतावनी प्रसारित कर सकते हैं