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छत्तीसगढ़ में गैस के रिसाव से 40 से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. कुछ बच्चे बेहोश

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले स्थित सीमेंट फैक्ट्री से जहरीली गैस रिसाव के बाद 18 छात्राओं के बीमार पड़ने के बाद सीएम विष्णु देव साय तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि ऐसा शासन-प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुआ है. सरकार समय रहते गैस रिवास को बंद करा देती तो काफी संख्या में छात्र जहरीली गैस की चपेट में नहीं आते.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस घटना को लेकर दावा किया है कि स्कूल के पास स्थित दो फैक्टरी से गैस रिसाव के बाद छात्र बीमार हुए हैं. बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘ मुख्यमंत्री जी! नींद से जाग गए हों तो बेहोश होते स्कूल के बच्चों की सुध ले लीजिए. बलौदाबाजार से बेहद भयावह खबर सामने आ रही है. दृश्य इतने भयावह हैं कि मैं यहां साझा नहीं कर सकता. सुहेला स्थित खपराडीह स्कूल के पास गैस के रिसाव से 40 से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. कुछ बच्चे बेहोश हो गए हैं. कुछ को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. दो बच्चों की हालत गंभीर है. बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.’’

भूपेश बघेल ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ”लगातार तीन दिन से स्कूल में बच्चे बेहोश हो रहे थे. इसे लेकर ग्रामीण लगातार प्रशासन से शिकायत कर रहे थे, लेकिन प्रशासन सोता रहा और आज यह स्थिति बन गई.”

पूर्व सीएम ने ग्रामीणों के बयान का हवाला देते हुए कहा, ”स्कूल के पास स्थित दो बड़े संयंत्रों से प्रदूषण फैल रहा है. गैस का रिसाव हो रहा है जिसके कारण बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. संयंत्रों से निकलने वाला धुंआ, रासायनिक तत्व और प्रदूषक पदार्थ हवा में घुलकर बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं.”

बेचैनी की वजह क्या है?

दरअसल, छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बेचैनी की शिकायत के बाद बुधवार को एक सरकारी स्कूल के कम से कम 18 छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों ने कहा कि बीमारी के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिली है, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि करीब के सीमेंट संयंत्र से प्रदूषण के कारण इलाके में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है.

उन्होंने बताया कि इलाके में एक सीमेंट संयंत्र के वैकल्पिक ईंधन संसाधन (एएफआर) केंद्र को बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसके संचालन में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया था.

6 की हालत गंभीर

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि खपराडीह गांव के सरकारी उच्चतर माध्यमिक बालिका विद्यालय की लगभग 18 छात्राओं ने बेचैनी की शिकायत की थी. छात्राओं की शिकायत के बाद उन्हें करीब के सुहेला गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भेजा गया.

डीएम दीपक सोनी ने बताया कि बाद में उनमें से छह को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया. उन्होंने बताया कि छात्राओं की हालत स्थिर है.

शुरुआती जांच में सीमेंट फैक्ट्री लापरवाही आई सामने

अधिकारी ने बताया कि स्कूल के पास स्थित श्री सीमेंट संयंत्र के एएफआर सेंटर में प्रदूषण की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों ने वहां निरीक्षण किया. प्रथम दृष्टया एएफआर के संचालन में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया, जिसमें ईंधन उत्पादन करने की सामग्री के अपघटन के लिए रसायनों का उपयोग शामिल था. इसके बाद इसे बंद कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि एएफआर क्षेत्र से निकलने वाली दुर्गंध के कारण छात्रों में बेचैनी हो सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा और श्रम विभाग के अधिकारियों ने घटना के पीछे के सटीक कारण का पता लगाने के लिए क्षेत्र में जांच शुरू कर दी है.