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केरल सरकार को लगाना पड़ा कर्फ्यू, हैरान करने वाली है वजह, स्‍कूल से लेकर मदरसा तक बंद

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केरल के वायनाड में रविवार को मंथवाडी नगरपालिका के कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया. बाघ ने एक इंसान हमला कर दिया जिसमें उनकी मौत हो गई. इस बाघ को आदमखोर घोषित कर दिया गया है और इसे मारने की योजना बनाई गई है. इससे पहले दिन में वन मंत्री एके ससींद्रन ने जिला कलेक्टरेट में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद बाघ को आदमखोर घोषित करने की घोषणा की. कर्फ्यू 27 जनवरी को सुबह 6 बजे से 48 घंटों के लिए डिवीजन 1 (पंचराकोल्ली), डिवीजन 2 (पिलाकावु) और डिवीजन 36 (चिरक्कारा) में लागू रहेगा.

इन डिवीजनों में सभी स्कूल, आंगनवाड़ी, मदरसे और ट्यूशन सेंटर बंद रहेंगे. प्रभावित डिवीजनों में रहने वाले छात्र जो अन्यत्र शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ते हैं, उन्हें 27 और 28 जनवरी को कक्षाओं में उपस्थित होने से छूट दी जाएगी, विज्ञप्ति में कहा गया. जो लोग पीएससी परीक्षाओं या शैक्षणिक संस्थानों की परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं, उन्हें आवश्यक व्यवस्था के लिए अपने डिवीजन काउंसलर से संपर्क करना चाहिए. यह निर्णय शुक्रवार सुबह हुई दुखद घटना के बाद लिया गया, जब अनुसूचित जाति समुदाय की राधा को मंथवाडी गांव के प्रियदर्शिनी एस्टेट में कॉफी तोड़ते समय बाघ ने मार डाला.

मंत्री ससींद्रन ने कहा कि बाघ के बार-बार हमले और मानव जीवन के बढ़ते खतरे का आकलन करने के बाद इसे आदमखोर घोषित करने का निर्णय लिया गया. वही बाघ जिसने राधा को मारा, उसने रविवार को क्षेत्र में गश्त के लिए तैनात रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के सदस्य बीट फॉरेस्ट ऑफिसर जयसूर्या पर भी हमला किया. ससींद्रन ने कहा कि राज्य में यह पहली बार है जब किसी बाघ को आदमखोर घोषित किया गया है. यह निर्णय मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाघ के हमलों की बढ़ती समस्या को संबोधित करने के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया. जानवर को पकड़ने के प्रयास जारी हैं, और सार्वजनिक चिंताओं को दूर करने के लिए मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की गई.

बाघ को आदमखोर घोषित करने का निर्णय एडवोकेट जनरल और अन्य कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श के बाद लिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री का समर्थन भी शामिल था. बाघ से उत्पन्न खतरे के जवाब में पास के क्षेत्रों में झाड़ियों को साफ करने के कदम उठाए गए हैं और क्षेत्र में निगरानी बढ़ाई जाएगी. मंत्री ससींद्रन ने कहा कि वन्यजीव प्रबंधन को बढ़ाने के हिस्से के रूप में वायनाड में 100 नए कैमरे लगाए जाएंगे और 31 मार्च तक राज्य भर में 400 एआई कैमरे स्थापित किए जाएंगे, ताकि निगरानी को मजबूत किया जा सके और वन्यजीव से संबंधित हमलों को रोका जा सके.