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महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की राह पर चलने का फैसला किया है. प्रदेश सरकार ने जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) की अगुआई में 7 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी जो प्रस्तावित लॉ के कानूनी पहलुओं का अध्ययन करेगी. कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद नए कानून का मसौदा तैयार किया जाएगा. कमेटी अन्य राज्यों में बने इस तरह के कानून का अध्ययन भी करेगी. सरकार की ओर से जारी गवर्नमेंट रिजोल्यूशन (GR) के अनुसार, कमेटी राज्य की मौजूदा स्थितियों का जायजा लेगी और उसके अनुसार लव जिहाद से जुड़ी शिकायतों से निपटने के लिए आगे कदम उठाए जाएंगे.
महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी के सीनियर लीडर मंगल प्रभात लोढा ने जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद दिया है. लोढा ने लव जिहाद कानून बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कई उदाहरण भी दिए. उन्होंने कहा, ‘श्रद्धा वाल्कर की हत्या आफताब अमीन ने कर दी थी. इकबाल शेख ने रुपाली चंदनशिवे को मौत के घाट उतार दिया था. निजाम खान ने पूनम क्षीरसागर की हत्या कर दी थी. यशाश्री शिंदे का मर्डर दाउद शेख ने किया था. मलाड की सोनम शुक्ला की हत्या शाहजीब अंसारी ने कर दी थी.’ महाराष्ट्र के मंत्री ने आगे कहा कि इन सब घटनाओं को देखते हुए कोई लव जिहाद के मसले को कैसे झुठला सकता है.
कमेटी में कौन-कौन शामिल
महाराष्ट्र सरकार ने जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद कानून बनाने से पहले 7 सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के डीजीपी इसके अध्यक्ष होंगे. उनके अलावा इस कमेटी में महिला बाल विकास विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, लॉ डिपार्टमेंट, सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट, स्पेशल असिस्टेंट डिपार्टमेंट्स के सेक्रेटरी और होम डिपार्टमेंट के डिप्टी सेक्रेटरी बतौर सदस्य शामिल होंगे. कमेटी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के अलावा अन्य राज्यों में बने लव जिहाद कानून का भी अध्ययन करेगी. इसके बाद कमेटी जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद को रोकने के लिए बनाए जाने वाले कानून पर अपनी सिफारिश देगी.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढा ने बताया कि लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए सरकार कठोर कदम उठा रही है. लोढा ने आगे बताया कि एकनाथ शिंदे की सरकार के दौरान उन्होंने इंटरफेथ मैरिज को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने इस तरह के मामलों को सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. NCP (SP) की वर्किंग प्रेसिडेंट सुप्रिय सुले ने कहा कि मोहब्बत और शादी निजी पसंद का मामला है. सुले ने आगे कहा कि बेहतर होता कि सरकार आर्थिक मसलों पर ध्यान देती.